बांग्लादेश में हिन्दू युवक की हत्या के बाद देश में सदगर्मी का माहौल बना हुआ है। इस हत्या पर कई बड़े दिग्गज सवाल उठाते नज़र आ रहे हैं। प्रियंका गांधी रवीना टंडन समेत कई हस्तियों का गुस्सा फूट पड़ा। जिसके बाद गुरुवार को भीड़ की दरिंदगी का शिकार हुए दीपू चंद्र दास की हत्या से ठीक पहले के वीडियो फुटेज सामने आए हैं। इससे पता चलता है कि किस तरह से भीड़ ने पूरे क्षेत्र को अपने कंट्रोल में ले रखा था और वहां कानून व्यवस्था या पुलिस सिस्टम जैसी कोई चीज नहीं थी।
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न्यूज ब्रॉडकास्टर जमुनाटीवी ने उस वक्त का ये वीडियो जारी किया है, जब हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को बांग्लादेश के मैमनसिंह इलाके में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। सामने आए वीडियो में एक बड़े दरवाजे के बाहर भीड दिख रही है। ये लोग काफी उत्तेजित दिख रहे हैं। कुछ ही सेकंड में दरवाजा खुलता है और भीड़ दीपू को अपने साथ ले जाती हुई दिखती है। वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये भीड़ उसी फैक्ट्री के सामने जमा है, जहां दीपू दास काम करते थे।
ईशनिंदा के आरोप में हत्या
दीपू को गुरुवार को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। हत्या के बाद दीपू को पेड़ से बांधा गया और उसके शव को आग लगा दी गई। कई रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि पुलिस ने हिम्मत दिखाई होती तो दीपू की जान बच सकती है। पुलिसकर्मियों ने भीड़ का सामना करने के बजाय दीपू को लोगों को सौंप दिया।दीपू की हत्या के बाद बांग्लादेशी अधिकारियों ने कहा है कि भीड़ के दावों को सपोर्ट करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है। यानी उनको इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे यह साबित हो कि दीपू ने ईशनिंदा की थी। पुलिस को तक कोई सबूत नहीं मिला है जिसमें वो युवक उनके ईश्वर की बुराई करते नज़र आ रहा हो।
तस्लीमा ने शेयर किया वीडियो
दीपू की हत्या के समय का वीडियो मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। तस्लीमा ने लिखा कि दीपू दास को हिंदू-विरोधियों ने सीधे उसकी फैक्ट्री से उठा लिया। दीपू ने कोई जुर्म नहीं किया था। अफवाहों के कारण फ्लोर मैनेजर ने उसे इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया और पुलिस को बिना बताए दरवाजा खोल दिया।तस्लीमा ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्सव मंडल के मामले भी यही हुआ था। उत्सव को पुलिस स्टेशन लाया गया था और फिर पुलिस ने खुद ही आखिर में उत्सव को भीड़ के हवाले कर दिया था। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ नफरत बढ़ रही है, यह चिंता का सबब है।