अधिकतर लोगो की समस्या होती है कि उनके नाखुन बढ़ते नहीं है और बार बार टूट जाते है। साथ ही दांतों में झनझनाहट की समस्या भी होती है। दांतों और हड्डियों में कैल्शियम पाया जाता है। कैल्शियम शरीर के लिए सबसे जरुरी पोषक तत्वों में से एक है।
पढ़ें :- IND vs SA Final ODI: आज वनडे सीरीज के निर्णायक मैच में भारत-साउथ अफ्रीका की होगी भिड़ंत; जानें- कब और कहां देख पाएंगे लाइव
साथ ही कैल्शियम ब्रेन और शरीर के अन्य भागों के बीच संचार बनाए रखने में मदद करता है। इससे मांसपेशियां मजबूत भी होती है। इसलिए कैल्शियम की कमी शरीर पर भारी असर डालता है। शरीर में कैल्शियम की कमी को हाइपोकैल्सीमिया कहते हैं। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो तो आपको हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी या ऐंठन हो सकती है।
इतना ही नहीं कैल्शियम की कमी की वजह से नाखुन कमजोर होकर टूटने लगते हैं। दांतों में संवेदनशीलता, पीलापन या टूटने जैसी समस्याएं कैल्शियम की कमी से हो सकती हैं। साथ ही बहुत अधिक चिंता, तनाव, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं कैल्शियम की कमी से हो सकती हैं। कैल्शियम की कमी से दिल की धड़कन भी असामान्य हो सकती है।
इतना ही नहीं मांसपेशियों में ऐंठन और झनझनाहट भी कैल्शियम की कमी की वजह हो सकती है। अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां और सरसों का साग, बथुआ, ब्रोकली आदि को शामिल करके कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसना ही नहीं डाइट में दूध, दही, पनीर व डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल का अधिक से अधिक सेवन करके कैल्शियम की कमी पूरी हो सकती है।
अगर नॉनवेजेरेटिन है तो सी फूड और मछलियों को डाइट में शामिल करके कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते है। क्योंकि सी फूड और मछलियां कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत हैं। वहीं संतरा, अजीर और केला भी आप इस स्थिति में खा सकते हैं। कैल्शियम की शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है, और फूड आइटम्स को रोजाना अपने आहार में शामिल करने से आपको कैल्शियम की कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है।