गया। इतने वर्षों में हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा, जबकि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकारें जो 60–65 साल तक सत्ता में रहीं, उनके भ्रष्टाचारों की एक लंबी सूची है। आरजेडी का भ्रष्टाचार तो बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है। मेरा साफ मानना है कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना है, तो कोई भी कार्रवाई से बाहर नहीं होना चाहिए…पीएम मोदी ने ये बातें बिहार के गया जी में कहीं।
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उन्होंने कहा, एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल किए गए हैं। इस कानून के बनने के बाद, अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है, तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी, और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।
आप सोचिए, आज कानून है कि अगर किसी छोटे सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे तक हिरासत में रखा जाए तो वह अपने-आप निलंबित हो जाता है, लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, मंत्री है या प्रधानमंत्री है, तो वह जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है। हमने कुछ समय पहले ही देखा है कि कैसे जेल से ही फाइलों पर साइन किए जा रहे थे, जेल से ही सरकारी आदेश जारी किए जा रहे थे। नेताओं का अगर यही रवैया रहेगा, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जा सकती है?