हार्मोंस का काम शरीर के अंगो को ये मैसेज पहुंचाना होता है कि कब और कैसे काम करना है। हार्मोनल असंतुलन के कारण और लक्षण इस बात पर निर्भर करते है कि शरीर में कौन सा हार्मोन असंतुलित है। आमतौर पर महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में असंतुलन होता है, जबकि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में असंतुलन होने की संभावना अधिक बनी रहती है।
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हार्मोनल असंतुलन का मतलब होता है कि आपके शरीर में एक या दो से अधिक हार्मोन बहुत कम या बहुत अधिक बनने लगते है। शरीर में हार्मोन कम या अधिक होने की वजह से हार्मोनल इंबैलेंस की दिक्कत होने लगती है। जो इंफर्टिलिटी, एक्ने,डायबिटीज,थॉयराइड, अनियमित माहवारी और पीसीओडी जैसी दिक्कतें होने लगती है।
अगर ब्रेकफास्ट में वाइट ब्रेड खाते है को ऐसे लोगो को हार्मोंस इंबैलेंस की दिक्कत हो सकती है।क्योंकि वाइट ब्रेड खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंट और कोर्टिसोल का लेवल बढ सकता है। जिसका असर वेट से लेकर शुगर लेवल पर भी होता है।
जरुरत से ज्यादा सोया और दूध, दही पनीर आदि का सेवन करने से भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। सोया फूड एस्ट्रोजन के रुप में कार्य़ करते है और एस्ट्रोजन का अधिक स्तर हार्मोनल के असंतुलन का कारण बनता है।
आज के समय में अधिकतर लोग ब्रेकफास्ट में सीरियल फूड खाना पसंद करते है। यह हार्मोन पर बुरा असर डाल सकता है। इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल अधिक प्रभावित करता है।इतना ही नहीं ब्रेकफास्ट में चाय और बिस्कुट खाने से भी हार्मोन पर बुरा असर पड़ताहै।