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संकट में इमरान सरकार : Pakistani Parliament में घुसी सेना, विपक्षी दल के नेता गिरफ्तार

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान  सरकार (Imran Government) और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को संसद में तब हंगामा मच गया, जब इस्लामाबाद पुलिस ने पार्लियामेंट लॉज के अंदर एक ऑपरेशन के तहत प्रवेश किया। इस्लामाबाद पुलिस (Islamabad Police)  ने जेयूआई-एफ एमएनए सलाहुद्दीन अयूबी और मौलाना जमाल-उद-दीन सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा किया कि उन्होंने पार्लियामेंट लॉज (Parliament Lodge) में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (Jamiat Ulema-e-Islam) के वर्दीधारी स्वयंसेवी बल अंसारुल इस्लाम के सदस्यों की घुसपैठ के बाद यह कार्रवाई की है।

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इस्लामाबाद  पुलिस (Islamabad Police)   के महानिरीक्षक मुहम्मद अहसान यूनुस ने लॉज के अंदर कार्रवाई का बचाव किया है। इस ऑपरेशन का नेतृत्व खुद इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक ने किया है। पाकिस्तान में इमरान  सरकार (Imran Government)  के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। बीते गुरुवार को मौलाना फजल-उर-रहमान की पार्टी के एक सांसद की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्री शेख राशिद ने आरोप लगाया कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (Jamiat Ulema-e-Islam)  ने जान बूझकर पार्लियामेंट लॉज (Parliament Lodge)  में अंसारुल इस्लाम के सदस्यों की घुसपैठ करवाई थी। उन्होंने कहा कि ये लोग पार्लियामेंट लॉज (Parliament Lodge)  के अंदर छिपे हुए थे। हम चाहते थे कि मामले को शांति से सुलझाया जाए, लेकिन उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पीटा और बंद कर दिया।

उन्होंने अंसारुल इस्लाम के सदस्यों को हमें नहीं सौंपा। शेख रशीद ने कहा कि हम इन जैसे दूसरों को संसद में प्रवेश करने से रोकने की भी कोशिश कर रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने इस दावे को खारिज किया कि देश की सेना विपक्ष का समर्थन कर रही है। चौधरी ने दावा किया कि सशस्त्र बल पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के साथ खड़े हैं। चौधरी का यह बयान खान को पद से हटाने के लिए नेशनल असेंबली में विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के कुछ दिन बाद आया है।

चौधरी से पूछा गया था कि क्या खान को हटाने का दबाव बना रहे हैं, विपक्षी दलों को सेना का समर्थन हासिल है। उन्होंने इस पर कहा कि हमारी संवैधानिक व्यवस्था में, सेना सरकार के साथ खड़ी रहती है…सेना को संविधान का पालन करना होता है, और यह संविधान का पालन करती रहेगी।

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बता दें कि पाकिस्तान के 73 साल के इतिहास में आधे से ज्यादा समय तक देश पर सेना शासन करने वाली सरकारों की सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी हावी रही है। खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और यदि गठबंधन में शामिल कुछ दल उन्हें हटाने का फैसले करते हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। पाकिस्तान के इतिहास पर गौर करें तो संसदीय लोकतंत्र में यह असामान्य बात नहीं है।

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