नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के सोलापुर में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा, हजारों गरीबों और मजदूर साथियों के लिए हमने जो संकल्प लिया था वो पूरा हो रहा है। पीएम आवास योजना के तहत बनी देश की सबसे बड़ी आवासीय योजना का लोकार्पण हो रहा है। मैं खुद जाकर देखकर आया, मुझे भी लगा कि काश मुझे भी बचपन में ऐसे ही घर में रहने को मिलता। इसके बाद पीएम मोदी भावुक हो गए।
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इसके साथ ही उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, ये समय हम सभी के लिए भक्ति-भाव से भरा हुआ है। 22 जनवरी को वो ऐतिहासिक क्षण आने वाला है, जब हमारे भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजने जा रहे हैं। हमारे आराध्य के दर्शन टेंट में करने की दशकों पुरानी पीड़ा अब दूर होने जा रही है। साथ ही कहा, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कुछ संतों के मार्ग दर्शन में मैं अपने यम नियमों में व्यस्त हूं और मैं उसका कठोरता से पालन कर रहा हूं। ये भी संयोग है कि मेरे अनुष्ठान की शुरुआत महाराष्ट्र के नासिक से पंचवटी की भूमि से हुई।
महाराष्ट्र में पीएम आवास योजना के अंतर्गत गरीबों के लिए बनी सबसे बड़ी सोसायटी के लोकार्पण की बात करते हुए अपने बचपन को याद कर भावुक हुए प्रधान सेवक श्री @narendramodi। pic.twitter.com/oo9Khn22Hy
— BJP (@BJP4India) January 19, 2024
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उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि सोलापुर के हजारों गरीबों और मजदूर साथियों के लिए हमने जो संकल्प लिया था, वह आज पूरा हो रहा है। आज पीएम आवास योजना के तहत बनी देश की सबसे बड़ी सोसाइटी का लोकार्पण हुआ है। मैं आज देखकर आया और मैंने सोचा काश… मुझे भी बचपन में ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता। हमारी सरकार पहले दिन से प्रयास कर रही है कि श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए देश में सुशासन हो, देश में ईमानदारी का राज हो। ये रामराज्य ही है जिसने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की प्रेरणा दी है।
पीएम मोदी ने कहा, 2014 में सरकार बनते ही मैंने कहा था, ‘मेरी सरकार गरीबों के लिए समर्पित सरकार है।‘ इसलिए हमने एक के बाद एक ऐसी योजनाएं लागू कीं, जिससे गरीबों की मुश्किलें कम हों और उनका जीवन आसान बने। साथ ही कहा, हमारे देश में लंबे समय तक गरीबी हटाओ के नारे लगते रहे लेकिन गरीबी नहीं हटी। गरीबों के नाम पर योजनाएं तो बनाई जाती थीं, लेकिन उनका लाभ गरीबों को नहीं मिलता था। उनके हक का पैसा बिचौलिये लूट जाते थे। पहले की सरकारों की नीति, नीयत और निष्ठा कठघरे में थी।