Inflation hits before Festivals: त्योहारों के सीजन से ठीक पहले केंद्र सरकार ने प्याज, बासमती चावल और रिफाइंड ऑयल को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जिसमें कुकिंग ऑयल की बेसिक कस्टम ड्यूटी की दर अब बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दी गई है, जबकि प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है और बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का फैसला लिया गया है। सरकार ने कहा है कि ये फैसले किसानों के हितों को ध्यान में रखकर लिए गए हैं। हालांकि, इन फैसलों से आम आदमी की जेब पर भी सीधा असर पड़ने वाला है।
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दरअसल, केंद्र सरकार के इन फैसलों से किसानों को फायदा तो पहुंचेगा, लेकिन इन चीजों की कीमतें भी बढ़ सकती है। जिसका मतलब है कि कुछ दिनों बाद शुरू होने वाले त्योहारों के सीजन में लोगों को ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है। सरकार के फैसलों पर नजर डालें तो रिफाइंड सनफ्लावर सीड ऑयल, रिफाइंड पॉम ऑयल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी की दर अब बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दी गई है। पहले यह दर 12.5 फीसदी थी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पोस्ट के जरिये कहा, “किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5% तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी। किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे और साथ ही छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।”
किसान हितैषी मोदी सरकार ने किसान भाइयों-बहनों के हित में निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा।
आयात शुल्क बढ़ाने से सोयाबीन के फसल की कीमतों में वृद्धि होगी और खाद्य तेल निर्माता भी…
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 14, 2024
रिपोर्ट के अनुसार, कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने से सभी संबंधित खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क की कुल दर बढ़कर 35.75 फीसदी हो गई है। क्रूड पॉम ऑयल, क्रूड सोयाबीन तेल और क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल पर प्रभावी शुल्क की दर अब 5.5 फीसदी से बढ़कर 27.5 फीसदी हो गई है। वहीं रिफाइंड सनफ्लावर सीड ऑयल, रिफाइंड पॉम ऑयल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर प्रभावी शुल्क की दर अब 13.75 फीसदी से बढ़कर 35.75 फीसदी हो गई है। जिससे रिफाइंड ऑयल की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है।
प्याज रुलायेगा और बासमती चावल भी होगा महंगा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के एक्स पोस्ट के अनुसार, मोदी सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया है। निर्यात शुल्क के हट जाने से बासमती उत्पादक किसानों को अपनी उपज के ठीक दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, सरकार ने प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% कर दिया है। निर्यात शुल्क के कम हो जाने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा।
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किसान कल्याण के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया है।
निर्यात शुल्क के हट जाने से बासमती उत्पादक किसानों को अपनी उपज के ठीक दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी।
इस महत्वपूर्ण…
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प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम करके 20% किए जाने से प्याज की कीमतों में तेजी आ सकती है। अभी भी प्याज खुदरा बाजार में 80 रुपये किलो मिल रही है। सरकार के फैसले से दूसरे देशों में प्याज का निर्यात तेजी से होगा। ऐसे में घरेलू बाजार में प्याज की कमी देखी जा सकती है। इससे प्याज के दाम में इजाफा हो सकता है। यह बात बासमती चावल पर भी लागू होगी। इसकी कीमत में भी इजाफा देखने को मिल सकता है।
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किसानों की प्रगति के प्रति संकल्पित मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% कर दिया है।
निर्यात शुल्क के कम हो जाने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा।
सरकार के इस निर्णय से किसानों के साथ प्याज से जुड़े अन्य…
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