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International Yoga Day 2024 : ये हैं भारत के सबसे बड़े योग गुरु, दुनिया को योग के फायदों के बारे बताया

By अनूप कुमार 
Updated Date

International Yoga Day 2024 : योग से जीवन निरोग रहता है। भारत में प्राचीन काल से ही योग को जीवन की आवश्यक आवश्यकता माना जाता है। 22 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है। पूरे दुनिया में योग के प्रति तेजी से रूझान बढ़ रहा है। योग के फायदे को जानने के बाद दुनिया तेजी से योग के प्रति आकर्षित हो रही है। भारत से ही पूरी दुनिया में योग का फैलाव हुआ है। ऋग्वेद में योग विषयक वर्णन मिलता है जो कि विश्व का सबसे प्राचीनतम ग्रंथ है। योग का उद्भव भी वेदों से ही माना जाता है। आदिदेव शिव और गुरु दत्तात्रेय को योग का जनक माना गया है। महर्षि पतंजलि, जिन्हें सही मायने में “योग के जनक” कहा जाता है, ने अपने “योग सूत्र” (सूत्र) में योग के विभिन्न पहलुओं को व्यवस्थित रूप से संकलित और परिष्कृत किया।

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योग दिवस के इस खास मौके पर आइए आपको बताते हैं इन 7 प्रसिद्ध योग गुरुओं के बारे में जिनके परिश्रम से पूरी दुनिया में योग काफी प्रसिद्ध हुआ है।

धीरेंद्र ब्रह्मचारी
धीरेंद्र ब्रह्मचारी इंदिरा गांधी के योग टीचर के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने दूरदर्शन चैनल के जरिए योग को बढ़ावा देने का काम शुरू किया। इसके साथ ही दिल्ली के स्कूलों और योग को विश्व तन योग (वर्ल्ड बॉडी योग) आश्रम में योग को शुरू करवाया है। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी भाषा में कई बुक लिखकर योग को बढ़ावा दिया गया।

बी के एस आयंगर
बेल्लूर कृष्णमाचार सुंदरराज अयंगर (14 दिसंबर 1918 – 20 अगस्त 2014) एक भारतीय योग शिक्षक और लेखक थे। वह व्यायाम के रूप में योग की शैली के संस्थापक हैं , जिसे ” अयंगर योग ” के रूप में जाना जाता है, और उन्हें दुनिया के अग्रणी योग गुरुओं में से एक माना जाता था। आज के टाइम में आचार्य बीकेएस अयंगर ने महर्षि पतंजलि के योग प्रिंसिपल को आगे बढ़ाया। दुनिया को योग के फायदों के बारे में अयंगर ने बताया।

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तिरुमला कृष्णमाचार्य
जब योग की बात की जाए तो तिरुमलाई कृष्णमचार्य का नाम भी लिया जाता है। इन्हें आधुनिक योग का पिता कहा जाता है और खास बात ये है कि इन्हें योग के अलावा आयुर्वेद का भी ज्ञान था। योग को लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने भारत भर में भ्रमण किया। बताया जाता है कि उन्हें अपने दिल की धड़कन पर कंट्रोल था और उन्होंने अपनी धड़कन को थामने की कला में भी महारत हासिल की थी।

कृष्ण पट्टाभि जोइस
कृष्ण पट्टाभि जोइस भी एक बड़े योग गुरु थे। उनका जन्म 26 जुलाई 1915 और मृत्यु 18 मई 2009 को हुई थी। आचार्य के. पट्टाभि जॉइस के योग शिष्यों में एक्ट्रेस मडोना और ग्वैनथ प्वैलेट्रो जैसे कई बड़े हॉलीवुड स्टार्स का नाम शामिल है। उन्होंने अष्टांग विन्यास योग में निपुणता हासिल की थी।

परमहंस योगानंद
परमहंस योगानन्द (5 जनवरी 1893 – 7 मार्च 1952), बीसवीं सदी के एक आध्यात्मिक गुरू, योगी और संत थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया तथा पूरे विश्व में उसका प्रचार तथा प्रसार किया। योगानंद के अनुसार क्रिया योग ईश्वर से साक्षात्कार की एक प्रभावी विधि है, जिसके पालन से अपने जीवन को संवारा और ईश्वर की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है।

परमहंस योगानंद भारतीय योग गुरुओं में सबसे ऊंचा स्थान रखते हैं। परमहंस योगानंद ने ‘ऑटोग्राफी ऑफ ए योगी’ किताब की मदद से मेडिटेशन और क्रिया योग से पश्चिमी दुनिया को इसके बारे में बताया। परमहंस योगानंद ने एक अन्य पुस्तक ‘द सेल्फ रियलाइजेशन फेलोशिप लेशन’ के माध्यम से योग द्वारा ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग दिखाया।

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स्वामी शिवानंद सरस्वती
स्वामी शिवानन्द सरस्वती वेदान्त के महान आचार्य और सनातन धर्म के विख्यात नेता थे। उनका जन्म तमिलनाडु में हुआ पर संन्यास के पश्चात उन्होंने जीवन ऋषिकेश में व्यतीत किया। स्वामी शिवानन्द का जन्म अप्यायार दीक्षित वंश में 8 सितम्वर 1887 को हुआ था। उन्होने बचपन में ही वेदान्त की अध्ययन और अभ्यास किया।

स्वामी शिवानंद पेशे से डॉक्टर थे और उन्होंने हठ, कर्म और मास्टर योग के बारे में पूरी दुनिया को बताया। उन्होंने एक सॉन्ग की मदद से योग के 18 गुणों के बारे में चर्चा की थी।

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