Jammu-Kashmir Assembly session : जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सत्र की शुरुआत जोरदार हंगामें के साथ हुई है। मौजूदा सत्र के पहले दिन यानी 4 नवंबर को सदन में पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा (PDP MLA Waheed ur Rehman Para) ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर प्रस्ताव पेश किया। जिसका भाजपा विधायकों (BJP MLAs) ने जोरदार विरोध किया।
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सदन में हंगामें के बीच सीएम उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) ने पीडीपी विधायक वहीद उर रहमान पारा की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दी। सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमें पता था कि इसकी तैयारी एक सदस्य द्वारा की जा रही थी। हकीकत तो यह है कि जम्मू-कश्मीर की जनता को 5 अगस्त 2019 को लिया गया फैसला मंजूर नहीं है, अगर मंजूर होता तो आज नतीजे कुछ और होते।’
जम्मू-कश्मीर के सीएम ने आगे कहा, ‘सदन इस पर कैसे विचार और चर्चा करेगा, यह किसी एक सदस्य द्वारा तय नहीं किया जाएगा। आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है बल्कि ये केवल कैमरों के लिए है। अगर इसके पीछे कोई मकसद होता तो वे पहले ही हमसे इस बारे में चर्चा कर लेते।’ इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और विधायक अब्दुल रहीम राथर को अध्यक्ष चुना गया।
सीएम उमर अब्दुल्ला और प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने नए विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर (Abdul Rahim Rather) को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की बधाई दी। बता दें कि 80 वर्षीय अब्दुल रहीम राथर बडगाम जिले के चरार-ए-शरीफ सीट से सात बार विधायक रहे हैं। राथर 1977 से लगातार 2014 तक इस सीट से जीत हासिल की।
हालांकि, साल 2014 में पीडीपी के उम्मीदवार गुलाम नबी लोन से वह चुनाव हार गए थे। अब 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव 2024 में राथर ने गुलाम नबी लोन को ही हराकर फिर वापसी की है।