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जगदीप धनखड़ बोले- मैं अपना कर्त्तव्य नहीं छोड़ सकता, मेरा हाल का अतीत इसका सबूत

By Abhimanyu 
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Jagdeep Dhankhar’s Latest statement: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने करीब चार महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके पीछे उन्होंने स्वस्थ कारणों का हवाला दिया था। लेकिन, धनखड़ के ताजा बयान की चारों ओर चर्चा हो रही है। जिसमें उन्होंने अपने कर्त्तव्य को सर्वोपरि बताया है। दरअसल, एक कार्यक्रम में धनखड़ को उनकी फ्लाइट बारे में संदेश आया तो उन्होंने कहा कि वह फ्लाइट पकड़ने के लिए अपना कर्त्तव्य नहीं छोड़ सकते, उनका हाल का अतीत इस बात का सबूत है।

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जानकारी के अनुसार, पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ शुक्रवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य की लिखी किताब ‘हम और यह विश्व’ का विमोचन करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम उन्होंने ने आरएसएस के विचारों और एक मजबूत राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण की प्रशंसा की। भाषण के दौरान एक व्यक्ति यह याद दिलाने के लिए धनखड़ के पास आया कि उन्हें शाम 7:30 बजे दिल्ली वापस जाने के लिए उड़ान में सवार होना है। उन्होंने कहा, ‘संदेश आ गया, समय सीमा है। कितना समय है 7:30?

अपनी फ्लाइट के समय को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, “मैं विमान में सवार होने के लिए अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ सकता, और दोस्तों, मेरा हाल का अतीत इसका सबूत है।” इस बात को सुनकर कार्यक्रम में ठहाके लगने लगे।  भाषण के अंत में धनखड़ ने अपने चिर परिचित अंदाज में कहा, “कम समय की वजह से पूरा गला खुल नहीं पाया। आजकल तो हिंदी के चलचित्र सिने पर बार-बार आती रहती हैं। आपके सामने फिर आने का सुअवसर मिलेगा।”

गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र की शुरूआत में ही धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे दे दिया था। इसके बाद उन्हें आखिरी बार सितंबर में नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में देखा गया था। वहीं, विपक्ष के कई नेता दावा करते हैं कि धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था।

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