नई दिल्ली। कांंग्रेस नेता जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने शनिवार को मीडियाकर्मियों से कांग्रेस मुख्यालय में बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, हमारे युवा साथियों ने सिर्फ 5 लाइन का एक कम्यूटर कोड लिखा है। जिससे सिर्फ 15 सेकण्ड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगी गई इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी हमारे सामने आ गई। इसी जानकारी को देने के लिए SBI ने 30 जून तक का समय मांगा था, इससे साफ है कि मोदी सरकार ये जानकारी बाहर नहीं लाना चाहती थी।
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उन्होंने कहा, कांग्रेस निजी निवेश के खिलाफ नहीं है, हम निजी निवेश के पक्ष में हैं। निजी निवेश के बिना आर्थिक विकास नहीं हो सकता। लेकिन मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सिर्फ प्राइवेट कंपनियों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने आगे कहा कि, PM मोदी के घोटाले के 4 रास्ते थे-चंदा दो-धंधा लो, हफ्ता वसूली, कॉन्ट्रैक्ट लो-रिश्वत दो और शेल कंपनी बनाओ और चंदा देते जाओ।
कांग्रेस निजी निवेश के खिलाफ नहीं है, हम निजी निवेश के पक्ष में हैं।
निजी निवेश के बिना आर्थिक विकास नहीं हो सकता।
लेकिन मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए सिर्फ प्राइवेट कंपनियों का इस्तेमाल किया है।
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: कांग्रेस महासचिव (संचार) @Jairam_Ramesh जी pic.twitter.com/5RzKhxs7y4
— Congress (@INCIndia) March 23, 2024
जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने आगे कहा कि, मोदी सरकार की नीति है-चंदादाताओं का सम्मान, अन्नदाताओं का अपमान…PM मोदी MSP को कानूनी दर्जा नहीं देना चाहते, लेकिन उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए रिश्वत को कानूनी दर्जा दे दिया है।