लखनऊ। जल जीवन मिशन के जरिए ‘हर घर को नल से जल’ का सपना सिर्फ कागजों में पूरा होता दिख रहा है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये महत्वाकांक्षी योजना यूपी में दम तोड़ती हुई दिख रही है। इस योजना की जमीनी हकीकत बताते हुए दर्जनों ग्राम प्रधानों ने जल निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर इस योजना की पोल खोल दी है। ग्राम प्रधानों के लिखे पत्र ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हर घर को नल से जल’ जैसी महत्वाकांक्षी योजना को भी पूरा करने के लिए अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं। लिहाजा, यूपी के सैकड़ों ऐसे गांव हैं, जहां पर इस योजना के जरिए चल रहा कार्य अभी अधूरा ही है।
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आंकड़ों से भिन्न है जमीनी हकीकत
‘हर घर को नल से जल’ पहुंचाने का दावा सिर्फ कागाजों में ही पूरा हो रहा है, जबकि इसकी जमीनी हकीकत इससे काफी दूर है। इससे साफ है कि, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना में प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव सिर्फ आंकड़े पेश कर रहे हैं, जबकि जमीनी पर वो काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की अनदेखी के कारण ही यूपी के ज्यादातर गांवों में ये योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है और लोगों को शुद्ध जल नहीं मिल पा रहा है।
कहीं नहीं हुआ ट्यूबवेल तो कहीं नहीं बनी पानी की टंकी
जल निगम के प्रबंध निदेशक को लिखे गए पत्र में लखनऊ, कानपुर नगर और सीतापुर के दर्जनों ग्राम प्रधानों ने इस योजना में हो रही हीलाहवाली का जिक्र किया है। ज्यादातर ग्राम प्रधानों ने यूपी जल निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर कहा कि, केवल पानी की पाइप लाइन पड़ी है, जबकि कई जगहों पर टंकी तक नहीं बन पाई है। ऐसे में ग्रामीणों को शुद्ध जल नहीं मिल पा रहा है।
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सड़कों की खुदाई से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ीं
अपने पत्र में ग्राम प्रधानों ने लिखा कि, पानी की पाइन बिछाने के लिए ज्यादातर सड़कों को खोद दिया गया है। यही नहीं सड़कों की मरम्मत तक नहीं की गयी है, जिसके कारण ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों को कनेक्शन दिए जाने की भी मांग उठाई गयी है।