नई दिल्ली। लोकसभा में भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर बहस हो रही है। शनिवार को कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बहस में हिस्सा लिए और सविंधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा, जब हम संविधान को देखते हैं तो हम देख सकते हैं कि संविधान में महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर, पंडित नेहरू के विचार दिखते हैं, लेकिन ये विचार कहां से आए? ये विचार भगवान शिव, गुरु नानक, भगवान बासवन्ना, कबीर आदि से आए। हमारा संविधान बिना हमारी प्राचीन विरासत के बिना नहीं बन सकता था।
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राहुल गांधी ने कहा कि ‘सावरकर ने अपने लेखों में साफ लिखा है कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं हैं। लड़ाई मनु स्मृति और संविधान के बीच की है। अब सवाल ये है कि आप सावरकर की बात को मानते हैं या फिर संविधान को। क्योंकि जब आप संविधान की तारीफ करते हैं तो आप एक तरह से सावरकर का विरोध करते हैं। जैसे पहले हिंदुस्तान चलाया जाता था, वैसे ही आप आज भी चलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, एकलव्य जब द्रोणाचार्य के पास गए तो उन्होंने कहा कि मैं वर्षों से धनुष चलाना सीख रहा हूं। आप मेरे गुरू बनिए। द्रोणाचार्य ने एकलव्य से कहा कि आप ऊंची जाति से नहीं हैं, इसलिए मैं आपका गुरू नहीं बनूंगा। कुछ समय बाद… द्रोणाचार्य और पांडव जंगल से गुजर रहे थे, जहां एक कुत्ता भौंक रहा था, लेकिन अचानक कुत्ते की आवाज शांत हो गई। द्रोणाचार्य और पांडव जब आगे बढ़े तो देखा कि कुत्ता बाणों के जाल से घिरा हुआ था। द्रोणाचार्य ने पूछा कि ये तुम्हें किसने सिखाया?
एकलव्य ने जवाब में कहा कि मैंने आपको गुरू मानकर मूर्ति बनाई और धनुर्विद्या का अभ्यास किया। ऐसे में द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरुदक्षिणा में उसका अंगूठा मांग लिया और एकलव्य ने अपना अंगूठा काट कर दे दिया। जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही ये सरकार भी देश का अंगूठा काट रही है। जब ये सरकार देश की संपत्ति अडानी को सौंपती है, तब इस देश के छोटे-बड़े उद्योगों और कारोबारियों का अंगूठा कटता है।
राहुल गांधी ने आगे कहा, जैसे एकलव्य ने तैयारी की थी, वैसे ही हिंदुस्तान के युवा सुबह उठकर अलग-अलग परीक्षा की तैयारी करते हैं। लेकिन जब आपने अग्निवीर लागू किया, तब आपने उन युवाओं की उंगली काटी। जब पेपरलीक होता है, तब आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काटते हैं। आज आपने दिल्ली के बाहर किसानों पर आंसू गैस चलाया है। किसान आपसे MSP की मांग करते हैं, लेकिन आप अडानी-अंबानी को फायदा पहुंचाते हैं और किसानों का अंगूठा काटने का काम करते हैं।