Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Kartik Maas 2024 : कार्तिक मास में तुलसी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती , जानें धार्मिक महत्व

Kartik Maas 2024 : कार्तिक मास में तुलसी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती , जानें धार्मिक महत्व

By अनूप कुमार 
Updated Date

Kartik Maas 2024 : कार्तिक मास भगवान विष्णु या दामोदर की पूजा की जाती है। धर्म शास्त्रों में कार्तिक मास को पापनाशक और इसका बहुत ही दिव्य प्रभाव बतलाया गया है। यह मास भगवान विष्णु को सदा ही प्रिय तथा भोग और मोक्ष रूपी फल प्रदान करने वाला है। हिन्दू कैलेंडर का आठवां महीना कार्तिक मास के नाम से जाना जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक यह अक्टूबर और नवंबर में आता है। इस साल यानि 2024 में कार्तिक मास 18 अक्टूबर 2024,शुक्रवार से शुरू होकर 15 नवंबर 2024 तक चलेगा।

पढ़ें :- Masik Shivratri 2024 : वर्ष की आखिरी मासिक शिवरात्रि है इस दिन , जानें शुभ मुहूर्त और शिवजी पूजा

इस माह में भगवान विष्णु जी के साथ ही तुलसी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस माह में गंगा स्नान, दीपदान एवं यज्ञ आदि करने का विधान है। कार्तिक मास में पंच दिवसीय दीपावली का पर्व, छठ पूजा और कार्तिक पूर्णिमा के महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं। इतना ही नहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिख समाज की पहले पातशाही गुरु नानक देव जी महाराज का जन्मदिन भी मनाया जाता है।

 कार्तिक मास भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला
कहा जाता है कि कार्तिक मास में मंदिर में झाड़ू लगाने वाले, स्वस्तिक बनाने वाले तथा भगवान विष्णु की पूजा करने वाले मनुष्य जन्म-मरण के चक्कर से छुटकारा पा जाते हैं। शास्त्रों में कार्तिक मास का व्रत करने वाला पुरुष व्रत के पूर्ण फल का भागी होता है। वह फल भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है ।

किए गए पाप धुल जाते हैं
स्कंद पुराण में कार्तिक महीने के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि जिस तरह से वेद के समान कोई शास्त्र, गंगा के समान कोई तीर्थ और सतयुग के समान कोई युग नहीं है। उसी तरह कार्तिक मास के समान कोई माह नहीं होता। माना जाता है कि, इस माह में पवित्र नदियों मे स्नान करने और दान-पुण्य करने से जीवन में किए गए पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को सुख-शांति व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पढ़ें :- Astro Tips for Money : कच्ची हल्दी की जड़ में छिपा है आर्थिक तरक्की का राज , नए स्रोत बनने लगेंगे
Advertisement