Kharmas 2025 : सनातन धर्म शुभ और अशुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। मान्यता कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य वृद्धि देने वाले होते है। खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते है। खरमास के दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, सगाई जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते है।
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खरमास की अवधि
खरमास की अवधि 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक रहेगी।
खरमास में रुक जाते हैं मांगलिक कार्य
खरमास के दौरान मांगलिक कार्य रुक जाते हैं क्योंकि सूर्य के बृहस्पति की राशि (धनु या मीन) में होने से गुरु ग्रह की शक्तियां कमजोर हो जाती हैं, जो शुभता और मांगलिक कार्यों के कारक माने जाते हैं। गुरु की शक्ति कम होने पर मांगलिक कार्यों से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है, इसलिए उन्हें इस दौरान वर्जित माना जाता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, खरमास वर्ष में दो बार लगता है। एक बार तक जब सूर्य देव गुरु वृहस्पति की राशि धनु में आते हैं। दूसरी बार तब, जब आत्मा के कारक सूर्य देव गुरु की ही राशि मीन में गोचर करते हैं, तब खरमास लगता है। इस प्रकार से देखा जाए तो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार खरमास नवंबर-दिसंबर और मार्च-अप्रैल में लगता है।