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Lucknow Metro Phase 1B: लखनऊ मेट्रो फेज-1B को केंद्र और राज्य सरकार से हरी मिली झंडी, 5801 करोड़ से पुराने लखनऊ तक पहुंचेगी मेट्रो

By Aakansha Upadhyay 
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राजधानी लखनऊ वासियो के लिए बड़ी खुशखबरी है। लखनऊ मेट्रो के कार्य को  और आगे तक बढ़ाया जाएगा।  अभी तक मेट्रो का सफर केवल सीसीएस एयरपोर्ट से लेकर मुंशीपुलिया तक ही थी। लेकिन अब इसे पूराने लखनऊ के कुछ इलाकों में पहुंचाया जाएगा। लखनऊ मेट्रो के फेज-1B को केंद्र और राज्य सरकार से हरी झंडी मिल गई है। इस चरण में लगभग 11.165 किलोमीटर लंबे नए मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसकी लागत करीब ₹5801 करोड़ अनुमानित है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर लखनऊ का सक्रिय मेट्रो नेटवर्क 34 किलोमीटर तक पहुँच जाएगा।

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पुराना लखनऊ अब मेट्रो नेटवर्क से जुड़ने को तैयार

इस कॉरिडोर के तहत राजधानी के पुराने और ज्यादा आबादी वाले इलाकों अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेगंज और चौक को भी सीधे मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। यह इलाका अब तक ट्रैफिक जाम और संकरी गलियों के कारण मेट्रो सेवा से वंचित था। लेकिन अब ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर वाले इन क्षेत्रों तक पहुँच पहले से कहीं अधिक सहज और तेज हो जाएगी।

12 स्टेशन – 7 अंडरग्राउंड, 5 एलिवेटेड

फेज-1B के तहत कुल 12 मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें 7 स्टेशन भूमिगत होंगे,  जिससे  पुराने शहर की तंग गलियों और घनी बस्तियों में भूमि अधिग्रहण की समस्या से बचा जा सके। वहीं 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे, जिससे आधुनिक क्षेत्रों और कनेक्टिविटी हब्स को जोड़ा जा सके।

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किन-किन स्थानों को मिलेगी सुविधा

यह मेट्रो कॉरिडोर पुराने लखनऊ के कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को भी जोड़ेगा। इनमें मेडिकल कॉलेज, बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैया और रूमी दरवाजा जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं। इन जगहों पर रोजाना आने-जाने वाले लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा पर्यटकों के लिए भी यह यात्रा बेहद आसान और सुरक्षित हो जाएगी।

रोजगार और व्यापार को भी बढ़ावा

करीब ₹5801 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट से निर्माण के दौरान हज़ारों रोजगार पैदा होंगे। वहीं, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से जुड़ने वाले क्षेत्रों में व्यापार, पर्यटन और रियल एस्टेट को भी बढ़ावा मिलेगा। अमीनाबाद और चौक जैसे पारंपरिक बाजारों में ग्राहक आवागमन और बढ़ेगा।

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सरकार की प्राथमिकता में तेज रफ्तार

योगी सरकार लखनऊ मेट्रो को ‘स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट’ के तहत अहम आधार मान रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस कॉरिडोर को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए काम को तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। सरकार की योजना है कि 2028 तक इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह चालू कर दिया जाए।

यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा

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