Mahakumbh 2025 naga sadhu shringar : यूपी के प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 आयोजित किया गया है। 13 जनवरी से विशेष धार्मिक उत्सव महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी और 26 फरवरी को इसका समापन होगा। धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है। नागा साधु भारतीय संत समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं जो विशेष रूप से महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। 12 साल बाद होने वाले महाकुंभ में नागा साधु शाही स्नान करने के पहले विशेष परंपरा का पालन करते है। कुंभ शाही स्नान से पहले नागा साधु 17 श्रृंगार करते है। आइये जानते है संसार की माया से दूर नागा साधुओं की श्रृंगार परंपरा के बारे में।
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नागा साधु के 17 श्रृंगार
भभूत, लंगोट, चंदन, पैरों में कड़ा (चांदी या लोहे का), पंचकेश, अंगूठी, फूलों की माला (कमर में बांधने के लिए), हाथों में चिमटा, माथे पर रोली का लेप, डमरू, कमंडल, गुथी हुई जटा, तिलक, काजल, हाथों का कड़ा, विभूति का लेप, रुद्राक्ष।
नागा साधु डुबकी
ये 17 तरह के श्रृंगार नागा साधुओं के जीवन में बहुत खास अहमियत रखते हैं और इन 17 श्रृंगारों को करने के बाद ही नागा साधु पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ में भी शाही स्नान से पहले नागा साधु इन श्रृंगार जरूर करते हैं।