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महाराष्ट्र के पास विकास के लिए सामर्थ्य भी है और जरूरी संसाधन भी, एनडीए सरकार ने पूरे समर्पण भाव और ईमानदारी से किया काम: पीएम मोदी

By शिव मौर्या 
Updated Date

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब 2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में निश्चित किया, तो मैंने सबसे पहले रायगढ़ के किले में जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने बैठ कर प्रार्थना की और राष्ट्रसेवा की एक नई यात्रा आरंभ की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज…मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।

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उन्होंने आगे कहा, हमारे संस्कार अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो आए दिन भारत मां के महान सपूत, इसी धरती के लाल वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं, अपमानित करते रहते हैं, देशभक्तों की भावनाओं को कुचलते हैं। वे लोग वीर सावरकर को गालियां देने के बाद भी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं। उनको पाश्चाताप नहीं होता है…महाराष्ट्र की जनता उनके संस्कार को अब जान गई है।

महाराष्ट्र के पास विकास के लिए सामर्थ्य भी है और जरूरी संसाधन भी है। यहां समुद्र के तट भी है और इन तटों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का सदियों पुराना इतिहास भी है। यहां भविष्य की अपार संभावनाएं भी हैं। इन अवसरों का पूरा लाभ महाराष्ट्र और देश को मिले… इसके लिए आज वाढवण पोर्ट की नींव रखी गई है। यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट होगा। ये देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे गहरे पोर्ट में से एक महत्वपूर्ण पोर्ट होगा।

पीएम ने कहा, हमारी सरकार ने दो-तीन दिन पहले ही दिघी बंदरगाह औद्योगिक क्षेत्र के विकास को भी मंजूरी दे दी है। यानि, ये महाराष्ट्र के लोगों के लिए डबल खुशखबरी है। ये छत्रपति शिवाजी के सपनों का भी प्रतीक बनेगा। एक समय था, जब भारत को विश्व के सबसे समृद्ध और सशक्त राष्ट्रों में गिना जाता था। भारत की इस समृद्धि का एक बड़ा आधार था-भारत की सामुद्रिक सामर्थ्य…हमारी इस ताकत को महाराष्ट्र से बेहतर और कौन जानेगा? छत्रपति शिवाजी महाराज…उन्होंने समुद्री व्यापार को, समुद्री शक्ति को एक नई ऊंचाई दी थी। उन्होंने नई नीतियां बनाई, देश की प्रगति के लिए फैसले लिए।

साथ ही कहा, आज भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है। 2014 में देश में 80 लाख टन मछली का ही उत्पादन होता था, आज करीब-करीब 170 लाख टन मछली का उत्पादन भारत कर रहा है। यानि, सिर्फ 10 साल में आपने मछली का उत्पादन दोगुना कर दिया है। हम तटीय गांवों के विकास पर और ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। आपका सामर्थ्य बढ़ाने के लिए मच्छीमार सहकारी संस्थाओं को भी मजूबत बनाया जा रहा है। पिछड़ों के लिए काम करना हो या वंचितों को अधिकार देना हो…बीजेपी और एनडीए सरकारों ने पूरे समर्पण भाव और ईमानदारी से काम किया है।

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उन्होंने कहा, 21वीं सदी की नारीशक्ति समाज को नई दिशा देने को तैयार है। यही नारीशक्ति विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास… ये एनडीए सरकार का मंत्र है।

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