Maharashtra Politics: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर फैसला सुना रहे हैं। महाराष्ट्र स्पीकर के फैसले से उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने असली पार्टी की उद्धव की दलील को भी खारिज कर दिया। उन्होंने निष्कर्ष देते हुए कहा कि जब बागी गुट बना उस वक्त शिंदे गुट ही असली शिवसेना था।
पढ़ें :- अगर राष्ट्रपति का चुनाव हो सकता है, तो चुनाव आयुक्त का क्यों नहीं? ईवीएम पर लोगों को संदेह है तो बैलेट पेपर से चुनाव कराएं : उद्धव ठाकरे
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि, मैनें चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखा है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी असली शिवसेना शिंदे गुट ही है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को ही असली शिवसेना कहा है।
उन्होंने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान की सर्वोपरि है। हम उनका 2018 का संशोधित संविधान स्वीकार नहीं कर सकते। यह संसोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। उन्होंने इस दौरान शिवसेना के संगठन में चुनाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि साल 2018 में संगठन में चुनाव नहीं है। हमें 2018 के संगठन नेतृत्व को भी ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि मेरे पास सीमित मुद्दा है और वह यह है कि असली शिवसेना कौन है। दोनों ही गुट अपने असली होने का दावा कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सीएम शिंदे को उद्धव गुट हटा नहीं सकते। संविधान में पक्ष प्रमुख का कोई पद नहीं है। साथ ही, विधायक दल के नेता को हटाने का कोई प्रावधान संविधान में नहीं है। उन्होंने कहा कि शिंदे को हटाने का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होना चाहिए था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर उद्धव गुट का रुख साफ नहीं है। इसी के साथ 25 जून 2022 के कार्यकारिणी के प्रस्तावों को स्पीकर ने अमान्य करार दिया है।