Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, जातीय हिंसा को लेकर जनता से मांगी थी माफी

मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, जातीय हिंसा को लेकर जनता से मांगी थी माफी

By संतोष सिंह 
Updated Date

इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (Manipur CM N Biren Singh) ने रविवार शाम मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। पिछले साल के अंत में राज्य में जातीय हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह (CM N Biren Singh)ने जनता से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि यह पूरा साल बेहद खराब रहा। मैं राज्य के लोगों से तीन मई 2023 से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे इसका दुख है। पिछले तीन-चार महीनों में शांति की स्थिति देखकर मुझे उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

पढ़ें :- गोवा क्लब में पीड़ित परिवार के साथ हर संभव सहायता में खड़ी है दिल्ली सरकार : मनोज तिवारी

हिंसा के चलते दबाव में थे बीरेन सिंह

पढ़ें :- यूपी पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को दी मुख्यमंत्री योगी ने बड़ी जिम्मेदारी, बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के चेयरमैन

राज्य में मई 2023 से जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। नवंबर में मणिपुर के जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या के बाद भी बवाल हुआ। राज्य में लगातार हो रही हिंसा के चलते एन बीरेन सिंह भारी दबाव में थे और उनको पद से हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी। एनडीए (NDA) की सहयोगी एनपीपी (NPP)ने भी मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और नेतृत्व परिवर्तन करने की मांग की थी।

कैसे शुरू हुई हिंसा?

मणिपुर में मैतेई समुदाय (Meitei Community) और कुकी समुदाय (Kuki  community) के बीच हिंसा पिछले साल तीन मई को उस समय शुरू हुई थी, जब मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी, जिसमें मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से राज्य में हिंसा का सिलसिला जारी है, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।

Advertisement