नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद (Akash Anand) के ससुर अशोक सिद्धार्थ (Ashok Siddharth) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसकी जानकारी मायावती (Mayawati) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है।
पढ़ें :- WWE icon John Cena ने लिया सन्यास, बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा ने लिखा दिल छू लेना वाला नोट
अशोक सिद्धार्थ (Ashok Siddharth) के साथ ही मेरठ के पूर्व सांसद नितिन सिंह को भी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है। पार्टी के अनुसार, दोनों ही नेता चेतावनी के बावजूद गुटबाजी आदि की गतिविधियों में लिप्त थे। इसी वजह से पार्टी ने फैसला लिया है।
मायावती ने एक्स पर दी जानकारी
मायावती (Mayawati) ने एक्स पर लिखा, कि बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ (Ashok Siddharth) , पूर्व सांसद व नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।’
बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डा अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद व श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।
पढ़ें :- अम्मान में हुआ गर्मजोशी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत, तीन देशों की यात्रा पर है पीएम
— Mayawati (@Mayawati) February 12, 2025
अशोक सिद्धार्थ मायावती के बेहद करीबी और खास
अशोक सिद्धार्थ (Ashok Siddharth) मायावती (Mayawati) के बेहद करीबी और खास माने जाते हैं। वह कायमगंज (फर्रुखाबाद) के निवासी हैं। मायावती के कहने पर ही उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी थी और बसपा में शामिल हो गए थे। हालांकि इस सरकारी सेवा के दौरान भी वह बामसेफ से जुड़े रहे थे।
मेडिकल कॉलेज झांसी से आर्थोमेट्री डिप्लोमा किए डॉ. सिद्धार्थ का जन्म 5 जनवरी 1965 को हुआ था। वह सरकारी सेवा के दौरान वामसेफ में विधानसभा, जिला व मंडल अध्यक्ष पदों पर रह चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2007 में जनपद कन्नौज के गुरसहायगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती के दौरान इस्तीफा दे दिया था और बसपा में शामिल हो गए थे। पार्टी की ओर से वह पहली बार 2009 तथा दूसरी बार 2016 में एमएलसी रहे हैं। वह बसपा में कानपुर-आगरा जोनल कोऑर्डिनेटर जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय सचिव का पद के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु व केरल सहित पांच राज्यों का प्रभार भी संभाला है। वहीं, डॉ. सिद्धार्थ की पत्नी सुनीता सिद्धार्थ वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।