मथुरा। यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) के हस्तक्षेप के बाद मथुरा पीड़ित की मेडिको-लीगल रिपोर्ट (Medico-Legal Report) देखने को मिली जो 30 जुलाई 2025 की है। बता दें कि घटना के तीन दिन बाद की। इस मेडिको-लीगल रिपोर्ट (Medico-Legal Report) में लिखा है कि पीड़ित के वृषणकोष (Scrotum) में भारी सूजन है। अंडकोषों में ये चोटें तीन दिन पुरानी हैं जो किसी हार्ड एंड ब्लंट ऑब्जेक्ट (जैसे-लाठी, हॉकी) से की गई हैं। पीड़ित के दोनों घुटनों पर भी चोटें हैं, लेकिन मथुरा के एसएसपी श्लोक कुमार ने आरोपी दरोग़ा को बचाते हुए कह रहे थे कि किसान को पहले से ही हायड्रोसिल की बीमारी थी।
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अब सवाल उठता है कि इस खुलासे के बाद मथुरा के एसएसपी क्या बोलेंगे? क्या वे एक गुंडा अपराधी दरोग़ा को बचाने वाले अपने बयान को वापस लेंगे? ये मेडिको-लीगल रिपोर्ट पुष्टि करती है कि अड़िंग चौकी इंचार्ज ने पीड़ित को थाने में लाठी-डंडे से पीटा उसके प्राइवेट पार्ट पर हमला किया। जब ये रिपोर्ट 30 को ही आ गई थी तो अभी तक गुंडे दरोग़ा पर FIR दर्ज क्यों नहीं की गई? उपमुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद भी सवाल है कि एसएसपी श्लोक कुमार, दरोग़ा को क्यों बचा रहे हैं?
सोशल मीडिया पर मामला तूल पकड़ने के कारण मथुरा का मामला योगी सरकार के संज्ञान में आ गया है। इस मामले की शिकायत पत्रकार ने उप मुख्यमंत्री से की। और बताया कि किस तरह मथुरा के अधिकारी पीड़ित का मेडिकल भी नहीं होने दे रहे। मामला संज्ञान में आने पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एक्शन लिया। तुरंत ही उप मुख्यमंत्री ने मथुरा के SSP और CMO दोनों को कॉल करके नाराजगी जताई। और लापरवाही के लिए डांटा। साथ ही मथुरा के अधिकारियों को ग़रीब किसान का तत्काल मेडिकल करने और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा और कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देख रहे हैं।
अब शायद इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके। अगर अब भी मथुरा SSP- श्लोक कुमार और SP रूरल (जांच अधिकारी) इस मामले को लोकल लेवल पर ही मैनेज कर लें तो उत्तर प्रदेश का भगवान ही मालिक है।