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Mission Gaganyaan : गगनयान मिशन तैयारी के तहत इसरो ने किया पहला सफल एयर ड्रॉप टेस्ट, सेना ने भी की मदद

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(ISRO)  ने गगनयान मिशन (Mission Gaganyaan)की तैयारी तेज कर दी है। इसरो ने रविवार को पैराशूट आधारित डीसेलेरेशन सिस्टम का प्रदर्शन किया। इसके तहत एयर ड्रॉप सिस्टम (Air Drop Testका सफल परीक्षण किया गया। इसमें सशस्त्र बलों ने भी इसरो (ISRO) की मदद की।

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इसरो (ISRO) ने एक्स पर लिखा कि गगनयान मिशन (Gaganyaan missions) के लिए पैराशूट आधारित डीसेलेशन सिस्टम के संपूर्ण प्रदर्शन के लिए पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया। यह परीक्षण इसरो (ISRO), भारतीय वायु सेना (Indian Air Force), डीआरडीओ ( DRDO), भारतीय नौसेना (Indian Navy) और भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) का संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ।

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गगनयान मिशन क्या है?

गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। यान को इसी साल लॉन्च करने की योजना है। पहले मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन (Gaganyaan missions)  तीन दिवसीय है। मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।

एसएमपीएस का काम पूरा

हाल ही में इसरो (ISRO) ने गगनयान मिशन के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) का काम सफलतापूर्वक पूरा किया था।हॉट परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन सिस्टम का प्रदर्शन पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य रहा। इसरो के मुताबिक, गगनयान के सर्विस मॉड्यूल में एक खास सिस्टम लगाया गया है जो दो तरह के ईंधन से चलता है। यह सिस्टम उस हिस्से को मदद करता है जो इंसानों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा। इसका काम रॉकेट को सही कक्षा (ऑर्बिट) में पहुंचाना, उड़ान के दौरान दिशा को नियंत्रित करना, जरूरत पड़ने पर रॉकेट की गति को धीमा करना और अगर कोई गड़बड़ी हो जाए तो मिशन को बीच में रोककर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना है।

गगनयान और भविष्य की योजनाएं

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इसरो (ISRO) की आगामी योजनाओं का खाका भी सामने आया। साल के अंत तक गगनयान-1 मिशन (Gaganyaan -1 missions) लॉन्च होगा, जिसमें मानव-रोबोट ‘व्योममित्रा’ अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। 2027 में भारत अपनी पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान करेगा। इसके बाद 2028 में चंद्रयान-चार, शुक्र मिशन और 2035 तक “भारत अंतरिक्ष स्टेशन” की स्थापना की योजना है। मंत्री ने कहा कि 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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