नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) ने अमेरिकी संस्था ‘यूएसएड’ फंडिंग (USAID Funding) से जुड़े हालिया विवाद तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए गुरुवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस संस्था द्वारा भारत के सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए सहयोग का विस्तृत विवरण देते हुए ‘श्वेत पत्र’ जारी (Issue White Paper) किया जाना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (General Secretary Jairam Ramesh) ने दावा किया कि ‘यूएसएड’ (USAID) के संदर्भ में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा किए जा रहे दावे बेतुके हैं।
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जयराम रमेश ने क्या कुछ कहा?
USAID इन दिनों काफी चर्चा में है।
इसकी स्थापना 3 नवंबर 1961 को हुई थी। वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए जा रहे दावे कम से कम कहने के लिए तो बेतुके हैं। फिर भी,भारत सरकार को जल्द से जल्द एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, जिसमें दशकों से USAID द्वारा सरकारी और गैर-सरकारी…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 20, 2025
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रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि ‘यूएसएड (USAID) इन दिनों काफी चर्चा में है। इसकी स्थापना तीन नवंबर 1961 को हुई थी। वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए जा रहे दावे कम से कम कहने के लिए तो बेतुके हैं। फिर भी, भारत सरकार को जल्द से जल्द एक श्वेत पत्र जारी (Issue White Paper) करना चाहिए, जिसमें दशकों से ‘यूएसएड’ (USAID) द्वारा सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए सहयोग का विस्तृत विवरण हो।
राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘यूएसएड’ (USAID) द्वारा भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए किए गए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि ‘हमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे (बाइडन सरकार) चाहते थे कि चुनाव में किसी और को चुना जाए। हमें इस बारे में भारत सरकार को बताना चाहिए। यह आश्चर्यजनक है।
अमित मालवीय ने साधा निशाना
ट्रंप के इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय (IT Cell chief Amit Malviya) ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी से वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के उस दावे की पुष्टि होती है कि विदेशी ताकतें उन्हें सत्ता में आने से रोकने की कोशिश कर रही थीं।