नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस (Modi Surname Case) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के तरफ से गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात सरकार (Gujarat Government) और मामले के शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Senior Advocate Abhishek Manu Singhvi) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अनुरोध किया कि सजा के फैसले पर या तो रोक लगाई जाए या फिर जल्द सुनवाई हो। वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि बिना सुनवाई के सजा के फैसले पर रोक नहीं लगा सकते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से यह नोटिस जारी किया गया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 4 अगस्त को अगली सुनवाई की तारीख दी है।
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गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने कहा कि इस स्तर पर सीमित प्रश्न यह है कि क्या दोषसिद्धि निलंबित किये जाने योग्य है? वहीं सुनवाई से पूर्व मामले की सुनवाई करने वाले दो न्यायाधीशों में जस्टिस बी आर गवई ने खुद को मामले से अलग कर लिया। उन्होंने इस फैसले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मुझे दिक्कत है, मेरे पिता 40 साल से ज्यादा कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। मेरे भाई अभी भी राजनीति में हैं। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी (Senior Advocate Abhishek Manu Singhvi) ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’ का दम घुट जाएगा। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान संबोधन में पीएम मोदी (PM Modi) के सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद गुजरात सरकार (Gujarat Government) के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी (Former Minister Purnesh Modi) ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला (Criminal Defamation Case) दर्ज कराया था।