Navratri 2025 Day 2 : आदिशक्ति जगतजननी मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की उपासना नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता है। मां ब्रह्मचारिणी को तप, विद्या और आत्मसंयम की देवी कहा जाता है। जिनके दाहिने हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल होता है। उनकी पूजा से भक्तों में तप, वैराग्य और त्याग की भावना बढ़ती है और जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से चंद्रमा की कमजोर स्थिति मजबूत होती है। मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से जीवन में सत्वगुण की प्रधानता होती है।
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पूजा करते समय मां को फूल, धूप, दीप और विशेष रूप से सफेद वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है. भक्ति भाव से की गई पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं।
चंद्रमा की स्थिति सुधारने के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उन्हें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। सफेद वस्त्र, सफेद पुष्प और चांदी का अर्धचंद्र अर्पित करने से चंद्रमा की स्थिति सुधरती है। मानसिक तनाव, नींद की समस्या और भावुकता से जुड़ी परेशानियों का समाधान भी मां की कृपा से संभव है।