Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. जीवन मंत्रा
  3. Non Veg खाना है बेहद पसंद तो ये खबर आपके लिए है बेहद जरूरी, 10 बातें जान नहीं करेंगे सेवन

Non Veg खाना है बेहद पसंद तो ये खबर आपके लिए है बेहद जरूरी, 10 बातें जान नहीं करेंगे सेवन

By आराधना शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली: एक तरफ जहां कई लोग अपनी बेहतर सेहत के लिए मांसाहार से दूर होते जा रहे हैं। नॉन-वेज का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। ये सारी चीजें भले ही खाने में आपको स्वादिष्ट लगती हैं लेकिन नॉन-वेज खाना (Non Veg Food) न तो सेहत के नज़रिए से फायदेमंद है और न हमारी संस्कृति इसकी इज़ाजत देती है।

पढ़ें :- सर्दियों के मौसम में एक गिलास दूध के साथ सिर्फ एक लड्डू का सेवन से शरीर में भर जाएगी ताकत, ठंड ले भी बचाएगा

आपको बता दें, हम आपको धर्मशास्त्रों के अनुसार बताते हैं कि इंसानों को नॉन-वेज खाना (Non Veg Food)  क्यों नहीं खाना चाहिए। आइये जानते हैं …

हिंदू धर्मशास्त्र

हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक इस धरती पर रहनेवाले सभी जीवों को भगवान का अंश माना जाता हैं। इनमें से किसी भी जीव की हत्या करना शास्त्रों के मुताबिक पाप है। मांसाहार भोजन के लिए रोज़ाना न जाने कितने ही बेज़ुबान जानवरों की बलि चढ़ाई जाती है, जबकि हमारी संस्कृति में मांसाहार के सेवन को वर्जित माना गया है।

श्रीमद् भगवत गीता

श्रीमद् भगवत गीता के मुताबिक कहा जाता है कि नॉन-वेज खाना इंसानों का खाना नहीं बल्कि राक्षसी भोजन है। मांस और मदिरा जैसी चीजें तामसिक भोजन कहलाती हैं। इस तरह का भोजन करनेवाले लोग अक्सर कुकर्मी, रोगी, दुखी और आलसी होते है।

सनातन संस्कृति

सनातन संस्कृति में गौमांस को खाना पाप माना गया है। शास्त्रों के अनुसार गाय का दूध, घी, गोबर और गोमूत्र अनेक रोगों की एक दवा है। शास्त्रों में लिखा है कि गाय से मिलनेवाली इन चीजों को खाने से शरीर में पापों का समावेश नहीं हो पाता। श्री कृष्ण अनेकों गायों का पालन-पोषण करते थे तथा उन्हें मां समान पूजते थे। तभी तो उनको गोपाल कहा जाता है।

पढ़ें :- Palak ka paratha: ब्रेकफास्ट में ट्राई करें हेल्दी पालक के पराठे की रेसिपी, ये है बनाने का आसान सा तरीका

ऋग्वेद

ऋग्वेद में गाय को जगत माता का दर्जा दिया गया है। अनेकों पुराणों के रचियता वेद व्यास जी के मुताबिक गाय धरती की माता हैं और उनकी रक्षा में ही समाज की उन्नति है.

महाभारत

महाभारत में उल्लेख मिलता है कि जो व्यक्ति सौ सालों तक लगातार अश्वमेघ यज्ञ करता है और जो व्यक्ति मांस नहीं खाता, उनमें से मांसाहार का त्याग करनेवाला व्यक्ति ही ज्यादा पुण्य कमाने वाला माना जाता है।

अब हम आपको विज्ञान के अनुसार बताते हैं कि इंसानों को नॉन-वेज खाना क्यों नहीं खाना चाहिए।

विज्ञान की नज़र में मांसाहार

  1. विभिन्न धर्म ग्रंथों में जिस तरह से मांसाहार को वर्जित माना गया है उसी तरह वैज्ञानिक नज़रिए से भी मांसाहार को सेहत के लिए हानिकारक माना गया है।
  2. ज्यादा मांसाहार भोजन करने से इंसान के भीतर चिड़चिड़ापन आने लगता है वो स्वभाव से उग्र होने लगता है। मांसाहार आपके तन और मन दोनों को अस्वस्थ कर देता है।
  3. मांसाहारी लोगों में कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा शाकाहारी लोगों के मुताबिक कहीं ज्यादा होता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दिल की बीमारी, कैंसर, गुर्दे का रोग, गठिया और अल्सर जैसी कई बीमारियां आपको अपनी चपेट में ले सकती हैं।
  4. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक मांसाहार इंसान के शरीर के लिए उतना ही खतरनाक है जितना कि धूम्रपान। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पके हुए मांस से जानलेवा कैंसर का खतरा होता है।
  5. मांसाहारी भोजन की तुलना में शाकाहारी भोजन सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। शाकाहारी भोजन इंसान को स्वस्थ, दीर्घायु, निरोग और तंदरुस्त बनाता है। शाकाहारी व्यक्ति हमेशा ठंडे दिमागवाले, सहनशील, सशक्त, बहादुर, परिश्रमी, शांतिप्रिय और आनंदप्रिय होते हैं।
  6. बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियां मुर्गियों और सूअरों के ज़रिए इंसानों को अपना शिकार बनाती हैं। इन प्राणियों का मांस खाना इसकी सबसे बड़ी वजह मानी जाती है। जबकि शाकाहारी जीवनशैली को अपना कर इनसे होनेवाली बीमारियों से खुद को बचाया जा सकता है।
Advertisement