नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होनें कहा कि, विश्व सरकार शिखर सम्मेलन दुनिया भर के विचारशील नेताओं को एक मंच पर लाने का एक बड़ा माध्यम बन गया है। दुबई जिस तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का केंद्र बनकर उभर रहा है, वह दुनिया के सामने एक शानदार उदाहरण पेश करता है।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा, आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं। Food Security हो… Health Security हो… Water Security हो… Energy Security हो… Education हो… समाज को Inclusive बनाना हो… हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है।
आज हम 21वीं सदी में हैं।
एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही, तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं: PM pic.twitter.com/0X9P0amW4o
— PMO India (@PMOIndia) February 14, 2024
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उन्होंने कहा, आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो Inclusive हों, जो सबको साथ लेकर चले। आज विश्व को आवश्यकता ऐसी सरकारों की है जो… Ease of Living, Ease of Justice, Ease of Mobility, Ease of Innovation, Ease of Doing Business को अपनी प्राथमिकता बनाकर चलें। मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है।
पीएम मोदी ने कहा, इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है- Minimum government, maximum governance. मैंने हमेशा ऐसा Environment Create करने पर जोर दिया है, जो नागरिकों में Enterprise और Energy दोनों को और बढ़ाए। हम Top Down और Bottom-Up अप्रोच के साथ-साथ Whole Of Society अप्रोच को लेकर भी चले हैं। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए हम Last Mile Delivery और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, हमने गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी है। हम देशवासियों की जरूरत के प्रति संवेदनशील हैं। हमने लोगों की जरूरतों और लोगों के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। भारत आज Solar, Wind, Hydro के साथ-साथ Biofuels, Green Hydrogen पर भी काम कर रहा है। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना हासिल किया है, उसे लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए। इसलिए भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है – मिशन लाइफ… यानि Lifestyle For Environment का… ये मिशन Pro Planet People का रास्ता दिखाता है।