कटनी। मध्यप्रदेश के कटनी जिले में कांग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया व मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता की प्रतिमा को आपत्तिजनक तरीके से हटाया गया। हालांकि इसके बाद मामला तूल पकड़ता देख भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपने दो अधिकारियों समेत कुल चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। बता दें कि इस घटना का एक वीडियो शनिवार को वायरल होने के बाद NHAI ने यह कार्रवाई की है।
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उधर इस घटना को लेकर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कटघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने उनसे सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस अपने नेता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। साथ ही पार्टी ने केंद्रीय मंत्री को उनकी कही वो बात भी याद दिलाई है जो उन्होंने कांग्रेस छोड़ते वक्त कही थी।
सिंधिया जी, उम्मीद है आपको याद होगा कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जो जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है
श्रीमान @JM_Scindia जी,
देख लीजिए, आपकी पार्टी हमारे नेता का किस तरह अपमान कर रही है! कांग्रेस अपने नेता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी! भाजपा सरकार में महापुरुषों की प्रतिमाओं के अपमान की परिपाटी चल पड़ी है!
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विजयपुर में बाबा साहब की प्रतिमा का अपमान और अब कटनी में श्रीमंत… pic.twitter.com/d5QYxUshIW
— MP Congress (@INCMP) November 17, 2024
कांग्रेस पार्टी के मध्य प्रदेश इकाई ने अपने अधिकारिक एक्स पोस्ट पर लिखा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी देख लीजिए, आपकी पार्टी हमारे नेता का किस तरह अपमान कर रही है। कांग्रेस अपने नेता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। भाजपा सरकार में महापुरुषों की प्रतिमाओं के अपमान की परिपाटी चल पड़ी है। विजयपुर में बाबा साहब की प्रतिमा का अपमान और अब कटनी में श्रीमंत माधवराव सिंधिया जी की प्रतिमा का अपमान। पार्टी ने लिखा कि श्री सिंधिया जी, उम्मीद है आपको याद होगा कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जो जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है ।यह वही बात है जो सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ते वक्त कही थी।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पोस्ट पर वीडियो शेयर कर लिखा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय श्री माधव राव सिंधिया जी की प्रतिमा का भाजपा सरकार द्वारा यूं इस तरह अपमान कतई स्वीकार्य नहीं हो सकता। इस गफ़लत की ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिए।
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इस घटना के वायरल वीडियो में सिंधिया की प्रतिमा के गले में फंदा डालकर उसे पोकलेन मशीन की मदद से हटाते हुए देखा जा सकता है। जिसके बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस संबंध में सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। दिवंगत माधवराव सिंधिया केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा का दामन थाम लिया था।
इस मामले में NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) कटनी के परियोजना निदेशक आनंद प्रसाद ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि, ‘हमने दो कर्मचारियों टीम लीडर राजेश कुमार नेमा और सहायक पुल इंजीनियर दीपक सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही निर्माण कंपनी के इंजीनियर मनोज वर्मा और आशीष सिंह परिहार को भी निलंबित किया गया है।’
कांग्रेस बोली- आपकी पार्टी हमारे नेता का कैसे अपमान कर रही उधर इस घटना पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल पूछा है। सोशल मीडिया पर की एक पोस्ट में पार्टी ने लिखा, ‘श्रीमान ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, देख लीजिए, आपकी पार्टी हमारे नेता का किस तरह अपमान कर रही है! कांग्रेस अपने नेता का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी! भाजपा सरकार में महापुरुषों की प्रतिमाओं के अपमान की परिपाटी चल पड़ी है।
पार्टी ने आगे लिखा, ‘विजयपुर में बाबा साहब की प्रतिमा का अपमान और अब कटनी में श्रीमंत माधवराव सिंधिया जी की प्रतिमा का अपमान! श्री सिंधिया जी, उम्मीद है आपको याद होगा कि.. उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जो जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है।’
जिम्मेदारों को कारण बताओ नोटिस भी जारी उधर जिम्मेदारों पर कार्रवाई को लेकर प्रसाद ने आगे बताया कि NHAI के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं। उन्होंने एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 30 का हिस्सा कटनी बायपास को दो लेन से बढ़ाकर चार लेन का किया जा रहा है।
प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 कटनी-बायपास मार्ग का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसमें चाका जंक्शन का विकास कार्य प्रस्तावित है। यहीं पर स्व. माधव राव सिंधिया की मूर्ति पहले से स्थापित थी।
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विकास कार्य के लिये प्रतिमा को स्थानांतरित करने के लिए प्रशासन द्वारा अनुमति प्राप्त कर नए चिन्हित स्थान पर स्थापित की जानी थी। निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा बगैर अनुमति के प्रतिमा दूसरी जगह पर स्थापित करने की जानकारी प्राप्त होने पर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई है।