Panchayat-4: पंचायत के सभी सीज़न को दर्शकों ने खूब प्यार दिया था। पंचायत एक ऐसी सिरीज़ थी जिसमें न कुछ बहुत ओवर कल्चर दिखाकर सफलता मिली है बल्कि एक साधारण गांव की कहानी को दर्शाती है। जिस तरीके से पब्लिक ने पंचायत के तीनों सीजन को खूब प्यार दिया था उसी तरह ‘पंचायत 4’को भी खूब प्यार मिल रहा है। पंचायत एक ऐसी सिरीज़ जो कि न सिर्फ कुछ दिनों से लोगों को एंटरटेन करा रही है बल्कि कोरोना काल से ही लोगों के बीच में अपनी जगह बनाई हुई है।
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वहीं, फूलेरा की प्रधान कि गद्दी खतरे में दिख रही है। मंजू देवी अपनी गद्दी बचाने के लिए काफी संघर्ष करती हुई दिख रही हैं। इस बार उनका मुक़ाबला बनराकस की पत्नी क्रांति देवी से होने वाला है। वहीं, अगर बात करें सीज़न-3 की तो इसमें प्रधान जी को गोली लगी थी। लेकिन अब वो पूरी तरह ठीक तो हैं लेकिन डर अभी भी बरकार है। सचीव जी के नाम पर केस दर्ज हो गया है जो की उन्हे विधायक से मारपीट करने के बदले में उपहार में मिला है। उधर उन्हे CAT के रिज़ल्ट का इंतज़ार है। फुलेरा गावों चुनावी माहौल में व्यस्त है।
सीरीज काफी अच्छा बना हुआ है जिसे देखने के बाद आप बिल्कुल भी बोर नहीं होंगे। सीरीज में प्रधान जी की वापसी बड़े शानदार तरीके से हुई है। बनराकस और उसके सभी साथी लोग प्रधान जी को भड़काने के लिए आते हैं। उसी नारे के साथ ‘कुकर में लौकी पकाने का’ इस तरीके से प्रधान जी और उनके साथियों का खूब खिल्ली उड़ाते हुए नज़र आ रहा है। सीरीज की एंडिंग होती है जो की थोड़ी सेड होती है।
रिपोर्ट-आकांक्षा