नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में हंगामा जारी है। एक तरफ विपक्ष अड़ा हुआ है कि सदन के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) मणिपुर हिंसा (Manipur violence) पर बयान दें तो दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष भाग रहा है। इस बीच मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि चर्चा करने के लिए सरकार तैयार। उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को चिट्ठी भी लिखी है।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने ट्वीट किया कि आज मैंने दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर मणिपुर मुद्दे की चर्चा में उनके सहयोग की अपील की। सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी दलों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे।
Today, I wrote to the opposition leaders of both houses, Shri @adhirrcinc Ji of Lok Sabha, and Shri @kharge Ji of Rajya Sabha, appealing to them for their invaluable cooperation in the discussion of the Manipur issue.
The government is ready to discuss the issue of Manipur and… pic.twitter.com/IpGGtYSNwT
— Amit Shah (@AmitShah) July 25, 2023
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गृहमंत्री ने पत्र में क्या लिखा?
अमित शाह ने अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में कहा कि मैं आपको मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए आपके सहयोग मांगने के लिए लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि हमारी संसद भारत के जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है। यह हमारी सामूहिक इच्छा के प्रतीक के रूप में खड़ी है और रचनात्मक बहस, सार्थक चर्चा और जन-समर्थक कानून के लिए प्राथमिक मंच के रूप में कार्य करती है। शाह ने आगे कहा आप जानते हैं कि मणिपुर भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है। मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ना केवल मणिपुर बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है।