बांदा। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के शव का पोस्टमार्टम खत्म हो चुका है।अब डॉक्यूमेंटेशन की कार्रवाई हो रही है। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का विसरा सुरक्षित रखा जाएगा। पोस्टमार्टम हाउस में उमर अंसारी मौजूद हैं। भारी संख्या में केंद्रीय पुलिस और मंडल के पुलिस अधिकारी मौजूद हैं। मीडिया को पोस्टमार्टम हाउस से 200 मीटर दूर रखा गया है। मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के DM दुर्गाशक्ति नागपाल को पत्र लिखकर दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम कराने की अर्जी दी है।
पढ़ें :- School closed: शुक्रवार को कक्षा 10 तक के स्कूल रहेंगे बंद, जानिए क्यों लिया गया फैसला
सूत्रों ने बताया कि परिवार को पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी का शव नहीं मिलेगा। प्रशासन शव लेकर बांदा से जायेगा । पुलिस अभिरक्षा में होगा सुपुर्दे खाक। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्तार के भाई अफजाल की तबियत बिगड़ गई है।
बांदा से गाजीपुर का रूट तैयार
बांदा से 26 गाड़ियों के काफिले के साथ फतेहपुर कौशांबी, प्रयागराज से कोखराज बाईपास से भदोही होते हुए वाराणसी से गाजीपुर मुख्तार अंसारी का शव पहुंचेगा। परिवार की गाड़ियां काफिले के बीच में पुलिस के सुरक्षा घेरे में चलेगी। मुख्तार अंसारी के शव को दफ़नाने के लिए परिवार के पुश्तैनी कालीबाग में कब्र तैयार की गई है। इस दौरान मुख्तार के परिजन और उनके भाई मौजूद रहे। लोगों का कहना है कि डेड बॉडी के पहुँचने का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद दूसरी धार्मिक क्रियाएं पूरी कराई जाएंगी।
पिता के जनाजे में नहीं शामिल हो सकेगा अब्बास
पढ़ें :- प्रयागराज में गंगा किनारे स्थित रसूलाबाद घाट का नाम बदल कर रखा गया चंद्रशेखर आजाद घाट
सूत्रों के हवाले से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कासगंज जेल में बंद अब्बास अंसारी को हाईकोर्ट ने पैरोल नहीं दी। बता दें कि, जिस बेंच के सामने अर्जी दी गई, वो बेंच नहीं बैठा। इसके बाद दूसरे बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि दूसरे बेंच ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अंसारी परिवार अब सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी में जुट गया है।
बांदा सीजेएम ने न्यायिक जांच के आदेश दिए
बांदा सीजेएम ने न्यायिक जांच के आदेश दिए। जांच के लिए जज नियुक्त किया। बांदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने भी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। मुख्तार मामले की न्यायिक जांच करेंगी बांदा की सीजेएम गरिमा सिंह, एक महीने में रिपोर्ट देनी होगी ।