UP school merger policy controversy: यूपी सरकार की स्कूल मर्जर नीति को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है, जिसमें प्रदेश के 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को आसपास के बड़े स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। सरकार के फैसले से पूरे प्रदेश में करीब 5000 से ज्यादा स्कूल प्रभावित होंगे। इस बीच कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार के फैसले को दलितों, पिछड़ों और गरीबों को शिक्षा से दूर करने वाला बताया है।
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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोमवार को कहा कि भाजपा सरकार का यह आदेश शिक्षा के अधिकार के खिलाफ तो है ही, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और वंचित तबकों के भी खिलाफ है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “उत्तर प्रदेश सरकार विलय करने के नाम पर करीब 5,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है। शिक्षक संगठनों के मुताबिक, सरकार की मंशा लगभग 27,000 स्कूलों को बंद करने की है।”
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, “यूपीए सरकार देश में शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी, जिसके तहत हर गांव में स्कूल की व्यवस्था की गई थी ताकि गरीब परिवार के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो सके। अगर स्कूल घर से दूर हुए तो छोटे बच्चे, खासकर लड़कियां कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल कैसे पहुंचेंगी? जाहिर है कि उनकी पढ़ाई छूट जाएगी। बच्चों से यह अधिकार क्यों छीना जा रहा है?”
प्रियंका ने आरोप लगाते हुए लिखा, “भाजपा सरकार का यह आदेश शिक्षा के अधिकार के खिलाफ तो है ही, दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब और वंचित तबकों के भी खिलाफ है।”
उत्तर प्रदेश सरकार विलय करने के नाम पर करीब 5,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है। शिक्षक संगठनों के मुताबिक, सरकार की मंशा लगभग 27,000 स्कूलों को बंद करने की है।
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यूपीए सरकार देश में शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी, जिसके तहत हर गांव में स्कूल की व्यवस्था की गई थी ताकि गरीब…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 14, 2025