नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉक्टर इफ्तिखार हसन की किताब ‘वैचारिक समन्वय- एक व्यवहारिक पहल’ का विमोचन करने गाजियाबाद आए थे। पुस्तक विमोचन के दौरान संघ प्रमुख ने संघ प्रमुख ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि हम पिछले 40 हजार वर्षों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। भारत के लोगों का डीएनए एक जैसा है। हिंदू और मुसलमान दो समूह नहीं हैं, एकजुट होने के लिए कुछ भी नहीं है, वे पहले से ही एक साथ हैं।
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मोहन भागवत ने कहा, ऐसे कुछ काम हैं, जो राजनीति नहीं कर सकती है। राजनीति लोगों को एक नहीं कर सकती है, राजनीति लोगों को एक करने का उपकरण नहीं बन सकती है, लेकिन एकता खत्म करने का हथियार बन सकती है। उन्होंने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं। एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिए।
मोहन भागवत ने कहा कि अगर कोई हिंदू कहता है कि यहां कोई मुसलमान नहीं रहना चाहिए, तो वह व्यक्ति हिंदू नहीं है। गाय एक पवित्र पशु है, लेकिन जो लोग गाय के नाम पर दूसरों को मार रहे हैं, वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं। कानून को बिना किसी पक्षपात के उनके खिलाफ अपना काम करना चाहिए। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले होने वाले इस कार्यक्रम में केवल 30-40 महत्वपूर्ण लोग ही मौजूद रहे। पुस्तक विमोचन करने से पहले मोहन भागवत ने आरएसएस और भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। मोहन भागवत गाजियाबाद में दो दिन रहेंगे।