नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कर्नाटक की राजधानी बंगलुरू में ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी क्षमताओं को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश अपनी सांस्कृतिक ताकत और क्षमताओं के दम पर दुनिया के लिए आशा की किरण बन सकती है। साथ ही कहा कि देश को तिरंगे से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए और दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए।
पढ़ें :- माधव राव सिंधिया की प्रतिमा से अपमान पर कांग्रेस, बोली- ज्योतिरादित्य जी उम्मीद है आपको याद होगा कि जो जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है...
हालांकि, देश विरोधी ताकतें नहीं चाहती हैं कि हम आगे बढ़ें। संघ प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि भारत, दुनिया को जागृत करने में सक्षम है लेकिन कुछ ताकतें हैं जो भारत की प्रगति को रोकना चाहती हैं। हमें उनसे सावधान रहना होगा और हमारे राष्ट्रीय ध्वज में छिपे संदेश के अनुसार, काम करना होगा और देश को एकजुट रखना होगा। जिससे नकारात्मक ताकतें सफल ना हो सकें।
इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में बताते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि ध्वज के शीर्ष पर भगवा रंग बलिदान का प्रतीक है, जो जीवन को तमसो मा ज्योतिर्गमय (अंधकार से प्रकाश की ओर) की दिशा में ले जाए। सफेद रंग बिना किसी स्वार्थ के शुद्धता से काम करने का प्रतीक है। हरा रंग श्री लक्ष्मी (धन) का प्रतीक है जो बौद्धिकता, आस्था और स्वार्थ रहित मजबूती पाने में मदद करता है। मोहन भागवत ने कहा कि भारत दुनिया को ज्ञान, शुद्धता, समृद्धि और समर्पण सिखा सकता है।