लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सोमवार हुई कैबिनेट बैठक में अहम फैसले लिए गए। इसमें डीजीपी की नियुक्ति पर भी कैबिनेट की मंजूरी मिली। इसके बाद यूपी में डीजीपी की नियुक्ति राज्य सरकार के स्तर से ही हो सकेगी। सरकार के इस फैसले पर अब यूपी में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। विपक्षी दलों के नेताओं ने इसको लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
पढ़ें :- जो भी गड़बड़ी करेगा, उसके खिलाफ क़ानून सख़्ती से कार्रवाई करेगा...संभल हिंसा पर बोले केशव मौर्य
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, मैंने आज तक नहीं सुना कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में पास किया हो कि DGP का कार्यकाल 2 साल का होगा और राज्य सरकार उसे नियुक्त करेगी। दरअसल, अमित शाह अपना DGP लगाना चाहते हैं और योगी आदित्यनाथ अपना DGP रखना चाहते हैं झगड़ा इसी बात का है।
मैंने आज तक नहीं सुना कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में पास किया हो कि DGP का कार्यकाल 2 साल का होगा और राज्य सरकार उसे नियुक्त करेगी।
दरअसल अमित शाह अपना DGP लगाना चाहते हैं और योगी आदित्यनाथ अपना DGP रखना चाहते हैं झगड़ा इसी बात का है।
–@SanjayAzadSln pic.twitter.com/5A0iKNl31n
पढ़ें :- UP News: संभल बवाल में तीन की माैत...ओवैसी बोले-इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ज़िम्मेदार अफसरों के खिलाफ हो कार्यवाही
— AAP (@AamAadmiParty) November 5, 2024
इससे पहले अखिलेश यादव ने भी डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि, सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनानेवाले ख़ुद 2 साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0…
बता दें कि, प्रदेश में अब डीजीपी की नियुक्ति राज्य सरकार के स्तर से ही हो सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट ने इस बाबत पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी। इसमें हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में मनोनयन समिति गठित करने का प्राविधान किया गया है। वहीं डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित किया गया है।