प्रयागराज। उत्तराखंड ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का कहना है कि उनको जान से मारने की धमकी दी जा रही हैं। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर हुई भगदड़ को लेकर शंकराचार्य ने कुंभ की व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए और कहा कि हादसे में हुई मौतों की संख्या छिपाई जा रही है।
पढ़ें :- PM मोदी ने जिया खालिदा ने निधन पर जताया दुख, बोले- भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा
असली आंकड़ा नहीं बताया जा रहा
शंकराचार्य ने हादसे को लेकर सरकार पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। इस पर उनसे पूछा गया कि क्या सत्ता पक्ष की तरफ से उन्हें ऐसे बयान न देने के लिए कहा जाता है तो शंकराचार्य ने कहा कि अगर वह आते तो अच्छा होता। रोकना न रोकना तो अलग बात है, लेकिन कम से कम वह हमको सच्चाई बताने तो आते।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ‘उनका कोई आदमी आता और कहता कि महाराज जी आपकी ये बात तथ्य विरुद्ध हो रही है। तथ्य ये है तो हमको अच्छा लगता कि वह सच हमारे सामने रख रहे हैं, लेकिन वह तो इस तरह संवाद ही नहीं करते हैं। उनके लोग धमकी देते हैं। जैसे कल 4-5 लोगों ने लिखा कि तुमको जान से मार देंगे तो मार दो। संन्यासी को मरने से क्या डरना।हमें कौन सा सांसरिक सुख भोगना है?
शंकराचार्य ने आगे कहा कि अभी तक मृतकों की संख्या सही नहीं बताई जा रही है। जितने लोग स्नान कर रहे हैं, हर घंटे में डेटा आ जाता है कि इतने लोगों ने स्नान कर लिया है। इतने करोड़ स्नानार्थियों को गिनने के लिए आपके पास व्यवस्था है, लेकिन मृतकों की गिनती आपके पास चार दिन बाद तक भी नहीं रहती है तो ये व्यवस्था है? व्यवस्था में कमी दिख रही है या नहीं।
पढ़ें :- जिया खालिदा के निधन से बांग्लादेश में बदला राजनीतिक समीकरण; चुनाव में इन्हें हो सकता है फायदा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी कहा कि मीडिया जब घटना को कवर करने के लिए जा रही है तो पुलिस डंडा मारकर भगा रही है। उन्होंने कहा कि क्या हिंदू समाज चाहेगा कि हम सत्ता के पक्ष में खड़े होकर मलाई काटें या ये चाहेगा कि हम उनके लिए आवाज उठाएं। तो हमने खतरा लेकर उनकी आवाज को बुलंद किया हुआ है। हिंदू समाज के साथ हम खडे़ हुए हैं। राजनीति के साथ हम नहीं खड़े हैं।