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शरद पवार ने बताया UPA-NDA का अंतर, बोले- ‘बदले की राजनीति’ के खिलाफ थे मनमोहन, जबकि मोदी थे उनके मुखर आलोचक

By संतोष सिंह 
Updated Date

पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि एक बार वह (PM Modi) कोई काम उठा लेते हैं, तो यह सुनिश्चित करते हैं कि काम पूरा हो जाए। मराठी अखबार ‘लोकसत्ता’ द्वारा पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी काफी प्रयास करते हैं। शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि काम पूरा करने के लिए पर्याप्त समय देते हैं।

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पवार ने कहा कि उनका स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वो कोई काम अपने हाथ ले लेते हैं तो वह यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि वह तब तक नहीं रुकेंगे। जब तक की काम पूरा नहीं हो जाता है। मोदी की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है और यही उनका मजबूत पक्ष है। शरद पवार ने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय आम लोगों और उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं हैं, तो एक का मेहनती होना पर्याप्त नहीं है क्योंकि अंतिम परिणामों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस पहलू पर, मुझे एक कमी दिखाई देती है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने का एक अलग तरीका है। यह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानंमत्रियों में नहीं दिखती है।पवार ने कहा कि पीएम मोदी बहुत मेहनत करने और समय देने के लिए तैयार हैं। वह कार्य को अपने नतीज़े तक ले जाने में विश्वास करते हैं। प्रशासन पर बहुत ध्यान देते हैं। फिर भी अगर आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो असर नहीं दिखेगा। वह नीतिगत फैसलों के मजबूत क्रियान्वयन में विश्वास रखते हैं। अपनी सरकार को आगे ले जाने की उनकी अपनी शैली है। उन्होंने कहा कि “जब हम मिलते हैं, तो मैं अपने नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई जैसे राज्य के मुद्दों पर कभी चर्चा नहीं करता। बता दें कि अनिल देशमुख पर ED कार्रवाई  को बदले की राजनीति बताया है।

शरद पवार ने बताया नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह में क्या है अंतर?

पवार ने कहा कि वो खुद और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह “बदले की राजनीति” के खिलाफ थे। तत्कालीन यूपीए सरकार के कुछ कैबिनेट सहयोगी मोदी के खिलाफ थे। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि यह आंशिक रूप से सच है कि मनमोहन सिंह और मैं एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के खिलाफ बदले की राजनीति में शामिल होने के खिलाफ थे।

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हालांकि कुछ कैबिनेट सहयोगियों ने इस तरह की कार्रवाई का समर्थन किया था। यह ध्यान में लाते हुए कि मोदी उस समय मनमोहन सिंह सरकार के गंभीर आलोचक थे। पवार ने कहा कि इससे दिल्ली और गुजरात के बीच की दूरी बढ़ गई। उन्होंने कहा​ कि मेरे अलावा और कोई नहीं था जो मोदी से बातचीत के लिए तैयार था। उनके अनुसार, मनमोहन सिंह ने कि मेरे तर्कों को स्वीकार कर लिया कि हमें राज्य के विकास के रास्ते में राजनीतिक मतभेदों को नहीं आने देना चाहिए।

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