नई दिल्ली। महाराष्ट्र की प्रमुख राजनीतिक पार्टी शिवसेना ने देश के राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। शिवसेना ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भारतीय जनता पार्टी का ‘अंडरगारमेंट’ बताया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में भाजपा से ये सवाल पूछा गया है कि क्या आज की सत्ताधारी पार्टी बीना पाकिस्तान(PAKISTAN) का नाम लिए अपनी राजनीति को आगे बढ़ा सकती है। ऐसा हो ही नहीं सकता की भाजपा पड़ोसी मुल्क का नाम लिए बगैर अपनी राजनीतिक रोटी सेंक सकें।
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भाजपा की सांप्रदायिक आधारित राजनीति में सफलता की महत्वपूर्ण गारंटी दिलाने का काम ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के प्रमुख ओवैसी का है। वो अपने भाजपा के द्वारा दिये गये राजनीतिक(POLITICAL ACTING) किरदार को बखूबी निभा भी रहें हैं। वो जहां भी अपनी जनसभा कर रहे हैं वहां समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने वाला भाषण दे रहे हैं जिससे वोटों का ध्रुवीकरण हो रहा है। हाल ही में वो उत्तर प्रदेश गये जहां पाकिस्तान जिंदाबाद के नारें भी उनके कार्यक्रम के दौरान लगाये गये। कुछ महीनें बाद ही प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने को हैं। और वो भाजपा (BJP) के पक्ष में माहौल बनाने के लिए उल्टी सीधी बातें जिसमे सिर्फ और सिर्फ नफरत भरी हुई है वो कर रहे हैं।
बिहार में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर भी शिवसेना के मुखपत्र में ओवैसी पर कड़ा प्रहार किया गया है। ओवैसी पर आरोप लगाते हुए ये लिखा गया है कि अगर वो बिहार में जा कर के चुनाव नहीं लड़ते तो आज तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री(CHIEF MINISTER) होते। ठीक यही काम भाजपा ने उनसे बंगाल में भी कराना चाहा। लेकिन वहां के हिन्दू और मुसलमानों ने मिलकर ममता बनर्जी को वोट किया और उन्हें एक बार फिर प्रदेश की सत्ता सौंपी।
अब भाजपा ओवैसी नामक हथकंडा देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के चुनाव में भी जीत दर्ज करने के लिए अपनाना चाहती है। सत्ताधारी पार्टी के द्वारा राज्य में जाति और धार्मिक दुश्मनी पैदा करने की पूरी तैयारी की गई है। आपने देखा होगा कि “दो दिन पहले, प्रयागराज से लखनऊ जाते समय रास्ते में ओवैसी के समर्थक जमा हो गए और उन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। बीते दिनों उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले सामने नहीं आए। मुखपत्र (MUKHPTRA) में कहा गया है कि ओवैसी जैसे नेताओं को पहले भी कई बार तैयार किया गया और समय के साथ इन्हें नष्ट कर दिया गया। देश का मुस्लिम (MUSLIM) समुदाय समझदार हो गया है। वे समझने लगे हैं कि उनके हित में क्या है।