Rudraksha : सनातन धर्म में ईश्वर की आराधना को सर्वोपरि माना जाता है। जगत, जीव और जीवन के क्रम को समझने के लिए सनातन धर्म में आरंभ से ही जीव जगत के रहस्यों को जानने के लिए ऋषियों द्वारा कठोर तपस्या की जाती रही है। ऋषियों ने रुद्राक्ष के गुणों को पहचान कर उनकी विशेषताओं के बारे जगत को बताया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष को शिव का प्रिय माना जाता है। शिव की पूजा में रुद्राक्ष की माला का विशेष महत्व है।
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आध्यात्मिक साधक के जीवन में रुद्राक्ष एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता। हिमालयी क्षेत्र में रुद्राक्ष के वृक्ष पाये जाते है। ज्यादातर नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया में पाए जाते हैं। सबसे अच्छी गुणवत्ता हिमालय में एक निश्चित ऊंचाई से आती है क्योंकि किसी विशेष् तरह की मिट्टी, वातावरण और सब कुछ इसे प्रभावित करता है। इन बीजों में एक बहुत ही अनोखा कंपन होता है।
हिंदू धर्म और ज्योतिष में रुद्राक्ष (Rudraksh) को बहुत पवित्र और चमत्कारिक माना गया है। रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होते हैं। हर रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व है। व्यक्ति को अपनी मनोकामना या जरूरत के लिहाज से रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।धर्म शास्त्रों में रुद्राक्ष धारण करने के लिए कड़े नियमों के बारे बताया गया है। तन मन की पवित्रता इसको धारण करने के लिए आवश्यक है।