पटना। जनशक्ति जनता दल (JJD) प्रमुख तेजप्रताप यादव ने आरजेडी उम्मीदवार खेसारी लाल यादव (RJD candidate Khesari Lal Yadav) पर बड़ा हमला बोला है। मीडिया ने सवाल किया कि खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) कह रहे हैं कि महागठबंधन के लोग 2 करोड़ रोजगार देंगे। इस पर तेजप्रताप ने कहा कि ‘कौन सा जॉब देंगे खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) , नाचने वाला?’ एनडीए (NDA) के घोषणापत्र में एक करोड़ रोजगार देने के वादे पर उन्होंने कहा कि अभी तो चुनाव चल रहा है, देख लेते हैं क्या होता है?
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चुनाव के बीच चर्चा में ‘नाचने वाला’ शब्द
बता दें कि बिहार के चुनावी माहौल में ‘नाचने वाला’ शब्द चर्चा में है। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी (Bihar Deputy CM Samrat Chaudhary) ने खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) पर निशाना साधते हुए कहा था कि आरजेडी (RJD) को कोई उम्मीदवार नहीं मिला तो उन्होंने एक ‘नाचने वाले’ को भेज दिया। विपक्ष ने सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) के बयान की आलोचना की। बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। मनोज तिवारी खुद भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री (Bhojpuri Film Industry) का नामी चेहरा हैं।
छपरा सीट का राजनीतिक इतिहास
गौरतलब है कि सिनेमा में हिट ट्रेंडिंग मशीन बनने के बाद खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) राजनीति में उतर चुके हैं। वे छपरा से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले दो चुनाव में यह सीट भाजपा के पास रही है, लेकिन पूर्व में इस सीट पर कांग्रेस का भी दबदबा रह चुका है। इस बार के चुनाव में भाजपा जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगी। 1957 में गठन के बाद से छपरा विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। 1957 में हुए पहले चुनाव में यहां कांग्रेस के राम प्रभुनाथ सिंह ने चुनाव जीता था।
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कांग्रेस ने यहां चार बार जीत हासिल की है, आखिरी जीत 1972 में मिली। छपरा की जनता ने 2005 के चुनाव में जदयू के राम परवश राय को चुनाव जिताकर विधानसभा भेजा। 2010 में यह सीट भाजपा के खाते में आई, लेकिन 2014 के उपचुनाव में राजद के रणधीर कुमार सिंह इस सीट से जीत गए. 2015 के आम चुनाव में भाजपा ने वापसी की और 2020 में भाजपा के सीएन गुप्ता यहां से लगातार दूसरी बार विधायक बने.
छपरा विधानसभा सीट कौन हैं निर्णायक वोटर?
छपरा विधानसभा सीट पर वैश्य, यादव और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इनके अलावा ब्राह्मण, राजपूत, कुशवाहा, पासवान और ईबीसी वर्ग के मतदाताओं की भी अच्छी-खासी संख्या है, जो चुनाव परिणामों पर अपना असर छोड़ती है। छपरा विधानसभा सीट सारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। छपरा न सिर्फ एक प्रमुख शहरी केंद्र है, बल्कि यह सारण प्रमंडल का मुख्यालय भी है। शहर की भौगोलिक स्थिति इसे और भी विशेष बनाती है। यह घाघरा नदी के उत्तरी तट पर बसा है और गोरखपुर-गुवाहाटी रेलमार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है। यहां से गोपालगंज और बलिया की ओर रेल लाइनें जाती हैं, जिससे यह व्यापार और आवागमन का प्रमुख केंद्र बन चुका है।