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कानपुर देहात। जब चारों तरफ अंधेरा हो जाता है। नौकरशाही से न्याय की उम्मीद टूटने लगती है। तब आम जनमानस को न्याय पाने के लिए अदालत की चौखट पर दस्तक देना पड़ता है। यहीं न्याय मिलता भी है। न्याय दिलाने की प्रक्रिया में वकील के बिना आपकी बात न्यायाधीश के सामने कानूनी और संविधान सम्मत तरीके से पेश करना संभव नहीं है।
उक्त बातें मुलायम सिंह यादव एडवोकेट अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात ने जिलाधिकारी कानपुर देहात को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र चेंबर बनाने के लिए देते वक्त कही। उन्होंने कहा न्याय को दिलाने के लिए अधिवक्ता समाज दिन-रात एक कर अपने मुवक्किल के लिए जी तोड़ मेहनत करता है। अधिवक्ता के पास कचहरी ,तहसील या जनपद न्यायालय परिसर में बैठने की व्यवस्था न हो तो काफी तकलीफ देय नजारा होता है। मगर वक्ताओं के इस दर्द को 20 वर्ष कलेक्ट्रेट एवं 10 वर्ष जनपद न्यायालय स्थापित होने के बाद भी जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन को कभी याद नहीं आया है। सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया गया, जिसमें कहा कि मानक विहीन जर्जर हो चुके 20 वर्ष पूर्व अधूरे बने चैंबरों का तकनीकी परीक्षण कराने के बाद ही मरम्मत किये जाए, नए चैंबरों का निर्माण किया जाए लोकहित में जन और धन दोनों ही बचाए जाए।
जिलाधिकारी ने मरम्मत पर लगाई रोक। एचबीटीआई से जांच करने के दिए आदेश। ज्ञापन सौंपने वालों में रमेश चंद्र सिंह गौर, अजय कुमार द्विवेदी, घनश्याम सिंह राठौर, सर्वेंद्र सिंह, शमशाद खान, विश्वनाथ सिंह, जितेंद्र बाबू, सुभाष चंद्र, धर्मेंद्र सिंह यादव, शकील नूरी, बृजेश कुमार पाल, राम गणेश सविता, महेंद्र सिंह , दीपक यादव, रौनक पाल आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।