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तीन दिनों की घटनाओं से एमपी में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर खड़े हुए सवाल

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते तीन दिनों के दौरान हुई सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने जैसी घटनाओं के बाद एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है। बताया गया है कि पुलिस बल की कमी और रात्रि गश्त की कमजोर व्यवस्था के कारण कानून व्यवस्था कमजोर हो रही है।

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बीते तीन दिनों में सांप्रदायिक सद्भाव और माहौल बिगाड़ने की प्रदेश में तीन बड़ी घटनाओं ने यह संकेत दिया है कानून-व्यवस्था पंगु होती जा रही है। पुलिस-प्रशासन घटनाएं होने के बाद सक्रियता दिखा रहा है। सबसे पहले गुना में हनुमान जयंती के जुलूस पर पथराव हुआ। नीमच में शराबियों और उपद्रवियों ने तीन जैन मुनियों को पीटा।

भिंड में आंबडेकर जयंती के उपलक्ष्य में निकले गए जुलूस में डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में विवाद और फायरिंग से एक मौत हो गई। जानकारों का कहना है कि यह घटनाएं कभी भी बड़ा रूप ले सकती हैं, पर पुलिस के बड़े अधिकारी घटना होने के बाद ही सजगता दिखाते रहे हैं। पुलिस मुख्यालय की खुफिया शाखा ने जून 2023 में शासन को एक रिपोर्ट सौंपकर आगाह किया था कि सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाली घटनाएं बढ़ सकती हैं। रिपोर्ट में वर्ष 2018 से 2023 के बीच हुई सांप्रदायिक घटनाओं का विश्लेषण कर बताया गया था कि सबसे अधिक घटनाएं छेड़छाड़, हत्या और हत्या के प्रयास में हो रही हैं। ताज्जुब तो यह कि इतनी महत्वपूर्ण जानकारी होने के बाद पुलिस और प्रशासन सजग नहीं हुआ। सांप्रदायिक घटनाओं से पूरे देश में प्रदेश की छवि खराब हो रही है।

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