नई दिल्ली। राजनीतिक दलों के झंडों में तिरंगे जैसे पार्टी झंडों के इस्तेमाल पर रोक की मांग याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। तिरंगे के इस्तेमाल पर रोक की मांग याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई राजनीतिक दल अपने प्रचार अभियानों में तिरंगे जैसे झंडों का उपयोग कर रहे हैं जिनमें अशोक चक्र की जगह अक्सर पार्टी के प्रतीक चिह्न को शामिल किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें कुछ राजनीतिक दलों की ओर से राष्ट्र ध्वज जैसे दिखने वाले झंडों को अपने चुनाव चिह्नों के साथ उपयोग करने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
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याचिकाकर्ता ने इन दलों पर राष्ट्रीय ध्वज के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। बेंच ने कहा, “ये दल ऐसा कब से कर रहे हैं? कुछ दल तो आजादी के बाद से ऐसा कर रहे हैं।” इसके बाद याचिका को खारिज कर दिया गया।