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Chandrayaan-3 Mission के लिए इन कंपनियों ने दिया अहम योगदान, आज पूरा होगा बड़ा सपना!

By Abhimanyu 
Updated Date

Chandrayaan-3 Mission: भारत के 40 करोड़ लोगों समेत पूरी दुनिया की नजर आज बुधवार 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सॉफ्ट लैंडिंग पर टिकी रहने वाली है। देश के कोने-कोने में लोग इस मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना और दुआएं कर रहे हैं। वहीं, कई कंपनियां भी इस ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं, जिन्होंने इस मिशन को सफल बनाने में योगदान दिया है।

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दरअसल, भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो पहले भी चांद के मिशन को अंजाम दे चुकी है और मंगल ग्रह तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है, लेकिन यह मिशन बाकियों से अलग है। चंद्रयान-3 भारत के महत्वाकांक्षी स्पेस प्रोग्राम का अहम पड़ाव है। जिसमें चांद के उस हिस्से में उतरने का प्रयास है, जो हमेशा अंधेरे में रहता है। इसरो इस मिशन की सफलता के बेहद करीब है, जो लगभग 6 दशकों की मेहनत के बाद यहां तक पहुंचा है।

इसरो ने पिछले 6 दशकों में न सिर्फ अंतरिक्ष में तिरंगे को फहराया है, बल्कि देश में एक नई स्पेसटेक इंडस्ट्री को भी डेवलप किया है। अभी इस सेक्टर में करीब 400 प्राइवेट कंपनियां एक्टिव हैं और उनमें से कई ने इसरो के इस मिशन में बहुमूल्य योगदान दिया है। इसके अलावा इसरो के चंद्रयान-3 मिशन में योगदान देने में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की कंपनियां शामिल हैं।

इन कंपनियों का रहा योगदान

-चंद्रयान-3 मिशन के लिए प्राइवेट इंजीनियरिंग कंपनी एल एंड टी (L&T) ने बूस्टर और सबसिस्टम को तैयार किया है।

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-चंद्रयान-3 मिशन के लिए सरकारी कंपनी भेल (BHEL) ने बैटरी की सप्लाई दी है।

-इस मिशन के लिए केरला स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन यानी केलट्रॉन (Caltron) ने इलेक्ट्रॉनिक पावर मॉड्यूल और टेस्ट एंड इवॉल्यूशन सिस्टम को डेवलप किया है।

-प्राइवेट कंपनी वालचंद इंडस्ट्रीज (Walchand Industries) ने मिशन के कई कंपोनेंट की मैन्यूफैक्चरिंग की है।

-अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (Anant Technologies Limited) ने इसरो के लिए लॉन्च व्हीकल, सैटेलाइट, स्पेसक्राफ्ट पेलोड और ग्राउंड सिस्टम के लिए कई इलेक्ट्रॉनिक्स व मैकेनिकल सबसिस्टम का विनिर्माण किया है।

-गोदरेज एंड बॉयसे (Godrej And Boyce) ने लिक्विड प्रोपल्शन इंजन, सैटेलाइट थ्रस्टर और कंट्रोल मॉड्यूल कंपोनेंट को तैयार किया है। यह गोदरेज एयरोस्पेस की सब्सिडियरी है और मंगलयान के लिए भी काम कर चुकी है।

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