ब्रेन शरीर का बहुत जरुरी अंग है। ब्रेन ट्यूमर शरीर के कई कामों पर असर डालता है और इनमें से सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है अंधापन। ब्रेन ट्यूमर और खांखो की रोशनी कम होने के बीच लिंक है।
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यह ट्यूमर के स्थान ,प्रखार और आकार और उसके बढ़ने की रफ्तार पर निर्भर करती हे। यह समझना बहुत जरुरी है कि ब्रेन ट्यूमर अंधापन का कारण कैसे इससे क्या नुकसान हो सकते हो है।ताकि शुरुआत में ही इसका पता लगाया जा सके और सी इलाज जा सके।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल (फरीदाबाद) में न्यूरोसर्जरी के डायरेक्टर डॉ. कमल वर्मा ने बताया कि दिमाग का विजुअल पाथवे एक नेटवर्क है, जो आंखों से शुरू होकर दिमाग के पिछले हिस्से में स्थित ऑक्सिपिटल लोब तक जाता है।
ट्यूमर इस पूरे रास्ते को, ऑप्टिक नर्व, ऑप्टिक कायज्म , ऑप्टिक ट्रैक्ट्स और विजुअल कॉर्टेक्स को दबाकर या इनमें फैलकर आंखों की रोशनी कम कर सकता है. उदाहरण के लिए, ऑप्टिक नर्व ग्लियोमा ऐसे ट्यूमर हैं जो खासतौर पर ऑप्टिक नर्व पर बनते हैं और बढ़ने के साथ धीरे-धीरे आंखों की रोशनी कम करते हैं। इसी तरह, ऑप्टिक चियास्म के पास स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर इस महत्वपूर्ण जंक्शन को दबा सकते हैं (जहां ऑप्टिक नर्व्स आंशिक रूप से क्रॉस करती हैं) जिससे बाइटेम्पोरल हेमीअनोप्सिया हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर के कारण होने वाला अंधापन ट्यूमर के प्रकार और स्थान के आधार पर कई तरह से दिख सकता है। लक्षणों में धुंधला दिखना, दोहरा दिखना (डिप्लोपिया), आंशिक रूप से दिखना या एक या दोनों आंखों में पूरी तरह से अंधापन शामिल हो सकता है। मरीजों को विज़ुअल फील्ड कट्स का भी अनुभव हो सकता है, जहां उनके देखने के क्षेत्र के कुछ हिस्से गायब हो जाते हैं। ये लक्षण अक्सर धीरे-धीरे बढ़ते हैं, लेकिन कभी-कभी अचानक भी हो सकते हैं, खासकर अगर ट्यूमर दिमाग में अचानक दबाव परिवर्तन का कारण बनता है।