नवरात्रि में मोस्टली लोग व्रत रखते हैं । जिसमें कुछ हल्का फलाहार किया जाता है। ऐसे में लोग साबुनदाना से बनी सामाग्री को पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ लोगों को साबुनदाना नहीं खाना चाहिए । उनके लिए साबुनदना बेहद नुकसानदायक है । साबूदाना स्टार्च से भरपूर होता है और इंस्टेंट एनर्जी देने का काम करता है। इसमें कुछ मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन भी पाए जाते हैं। जिसे पहले से कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स हैं, उनके लिए साबूदाना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
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किडनी की समस्या वाले लोग
साबुदाना जिन्हे किडनी कि प्रॉबलम है उन्हे भूलकर भी नहीं खाना चाहिए । इसमें मौजूद कैल्शियम किडनी स्टोन को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर बहुत कम होता है और स्टार्च ज्यादा होता है, जिससे कमजोर किडनी पर और दबाव पड़ता है। ऐसे लोग व्रत में साबूदाने की जगह सामक चावल या समा का इस्तेमाल कर सकते हैं, ये आसानी से पचता है।
डायबिटीज के मरीज
साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट बहुत ज्यादा होता है और यह ब्लड शुगर लेवल को तुरंत बढ़ा देता है। चूंकि इसमें फाइबर और प्रोटीन कम होता है, इसलिए शुगर का लेवल कंट्रोल नहीं रह पता । डायबिटीज के मरीजों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है, खासकर जब वे व्रत के कारण पहले ही अलग खानपान कर रहे हों । कुट्टू जैसे विकल्प बेहतर हैं, जो धीरे-धीरे ऊर्जा देते हैं और शुगर को अचानक बढ़ने नहीं देते।
कमजोर पाचन वाले लोग
भले ही साबूदाना नरम और हल्का दिखाई देता है, लेकिन जिनका पाचन कमजोर है उनके लिए यह परेशानी पैदा कर सकता है। इसमें स्टार्च की अधिकता और फाइबर की कमी गैस, कब्ज और पेट फूलने जैसी दिक्कतें बढ़ा सकती है।
लो ब्लड प्रेशर वाले लोग
साबूदाने में पोटैशियम होता है, जो सामान्य रूप से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करता है, लेकिन जिन लोगों का ब्लड प्रेशर पहले से ही कम रहता है, उनके लिए यह और ज्यादा गिर सकता है। इसका असर चक्कर आना, कमजोरी या बेहोशी तक हो सकता है।
वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोग
अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो साबूदाना आपके लिए सही विकल्प नहीं है। इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट बहुत ज्यादा होते हैं, लेकिन फाइबर और प्रोटीन कम होते हैं। इसका मतलब है कि इसे खाने के थोड़ी देर बाद ही आपको दोबारा भूख लग सकती है। इससे ओवरईटिंग और वजन बढ़ने का खतरा रहता है।