Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद तबाही मची हुई है। भूस्खलन में अब तक 173 से ज्यादा लोगों की जान चली गयी है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। इस घटना के बाद कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी बहन प्रियंका गांधी के साथ गुरुवार को वायनाड पहुंचे, जहां उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चूरलमाला का तथा मेप्पाडी में एक अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया।
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पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि, यह वायनाड, केरल और देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां स्थिति का आकलन करने आये हैं। यह देखना दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है। हम मदद करने और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि बचे लोगों को उनका वाजिब हक मिले। उनमें से कई लोग स्थानांतरित होना चाहते हैं। यहां बहुत कुछ करने की जरूरत है। मैं डॉक्टरों, नर्सों, प्रशासन और स्वयंसेवकों सहित इसमें शामिल सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं।
After spending time with the grief-stricken people of Wayanad today, I feel the same profound sorrow I felt the day my father died. Many here have lost their entire families, making their pain even greater.
The tragedy is immense, and the work required to heal Wayanad is… pic.twitter.com/aLnemda8FP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 1, 2024
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मुझे नहीं लगता कि यह राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने का समय या स्थान है। यहां के लोगों को मदद की जरूरत है। अभी, प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। फिलहाल मेरी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। मेरा ध्यान वायनाड के लोगों पर है, यह सुनिश्चित करना कि उन्हें सर्वोत्तम संभव देखभाल और सुरक्षा मिले और भविष्य के लिए उनका समर्थन किया जाए।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि, आज मैं वैसा ही महसूस कर रहा हूं जैसा मैंने महसूस किया था जब मेरे पिता का निधन हुआ था। यहां लोगों ने सिर्फ एक पिता नहीं, बल्कि पूरा परिवार खो दिया है। हम सभी इन व्यक्तियों के सम्मान और स्नेह के ऋणी हैं। पूरे देश का ध्यान वायनाड पर केंद्रित है।
वहीं, भूस्खलन प्रभावित पीड़ितों से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि, हमने पूरे दिन लोगों से मुलाकात की है जो इस आपदा से जूझ रहे हैं। हम लोगों को हर संभव सहायता के लिए यहां आए हैं। ऐसे समय में हमें कष्ट से गुजर रहे लोगों की मदद के लिए आगे आने की जरूरत है। प्रशासन और राज्य सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है। आपदा से प्रभावित ज्यादातर लोगों का कहना है कि वे उसी इलाके में रहना चाहते हैं। हमें उसके पुनर्वास लिए कोई समाधान निकालना होगा।