Difference curd and buttermilk: सेहत के लिए दही और छाछ दोनो का ही सेवन फायदेमंद माना जाता है, लेकिन अगर बात हो दोनो में कौन अधिक फायदेमंद होता है। तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से छाछ और दही में क्या अंतर होता है और दोनो में से किसी पीने से अधिक फायदे मिलते है। ये बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं।
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दही प्रोबायोटिक्स का बेहतरीन स्त्रोत है। यह आंत के लिए फायदेमंद माना जाता है। ये बैक्टीरिया पोषक तत्वों के बेहतर पाचन और अवशोषण में मदद करता है।
दही में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो मांसपेशियों को मजबूत करने और उनके रिपेयरिंग करने में मदद करता है। प्रोटीन शरीर के लिए जरुरी पोषक तत्व होता है। दही में कैल्शियम भी होता है, जो मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी है।
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन और बीमारियों से बचाता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि दही खाने से ब्लड प्रेशर को मेंटेन रखने में मदद मिलती है।
छाछ भी डेयरी प्रोडक्ट ही है और दही से ही बनाया जाता है। दही से मलाई निकालने की प्रक्रिया में छाछ बनता है। छाछ में लैक्टिक एसिड होता है, जो पाचन में मदद करता है और पेट को ठंडा रखा है। किसी को एसिडिटी रहती है तो उसे छाछ फायदेमंद होता है।
दही की तरह इसमें भी प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों के लिए हेल्दी होता है। छाछ में कैल्शियम, विटामि B12, रिबोफ्लेविन और फास्फोरस होता है। दूध के मुकाबले छाछ में फैट न के बराबर होता है। इसलिए अगर आप लो फैट फूड खा रहे हैं तो छाछ अच्छा ऑप्शन हो सकता है। छाछ पीन से बॉडी में पानी की कमी पूरी होती है। शरीर हाइड्रेट रहता है। कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर होने के कारण ये हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।
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आयुर्वेद में दही और छाछ दोनो के फायदों को देखते हुए छाछ को ज्यादा फायदेमंद बताया गया है। छाछ भी दही से ही बनाई जाती है, लेकिन इसमें पानी होने के कारण इसका फर्मेटेशन इफेक्ट कम हो जाता है, जिससे बॉडी हीट को कंट्रोल करने में ये ज्यादा मददगार साबित होता है। पाचन के लिए भी दही से ज्यादा छाछ फायदेमंद होती है। अगर छाछ में काला नमक और भूना जीरा का पाउडर मिलाकर पीने से पेट और सेहत दोनो को फायदा होता है।