अफगानिस्तान (Afghanistan): अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान द्वारा की जा रही हिंसा से वहां के आम नागरिकों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहां तालिबानियों ने युद्ध तेज कर दिया है।तालिबानी आतंकवादी वहां महिलाओं और युवतियों के साथ् क्रूरता कर रहें है। अफगान नागरिक विस्थापित हो रहे है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) (United Nations Office for the Coordination of Humanitarian Affairs (OCHA)) ने बुधवार को कहा कि पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में संघर्ष ने हजारों लोगों को अपने घरों से दूर कर दिया है।
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कार्यालय ने कहा कि यो लोग इस साल मई से बड़े पैमाने पर स्पाइक के साथ शत्रुता से विस्थापित हुए लगभग 390,000 लोगों का हिस्सा हैं। खबरों के अनुसार, विस्थापितों ( displaced)में से कई काबुल अन्य बड़े शहरों में भाग गए हैं।
राजधानी शहर में अधिकांश विस्थापित लोग परिवारों दोस्तों के साथ रह रहे हैं, वहीं कुछ बढ़ती संख्या के साथ खुले में डेरा डाले हुए हैं, जो अधिक जोखिम का सामना कर रहे हैं। 1 जुलाई से 5 अगस्त के बीच काबुल पहुंचने वाले 5,800 से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों को भोजन, घरेलू सामान, पानी स्वच्छता सहायता अन्य सहायता की आवश्यकता है।
ओसीएचए (OCHA) ने कहा कि बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के बावजूद, मानवीय एजेंसियां जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा रही हैं, इस साल के पहले छह महीनों में एजेंसियां 78 लाख लोगों तक पहुंची हैं।
अफगानिस्तान के लिए 130 करोड़ डॉलर का मानवीय प्रतिक्रिया कोष केवल 38 प्रतिशत वित्त पोषित है, जिससे लगभग 80 करोड़ डॉलर की कमी रह गई है।